सीकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार लोककल्याणकारी योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में स्कूली शिक्षा विभाग ने पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर के दुरुपयोग की खबर का संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है।
5 शिक्षक निलंबित
प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए 5 शिक्षकों को सीसीए नियम 1958 की धारा 13(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इनमें —
- शीला बलाई, अध्यापक लेवल-1, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास (कल्याणपुर)
- सुरेश कुमार, प्रबोधक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागणेसियों की ढाणी, गंगावास (कल्याणपुर)
- मंगलाराम, वरिष्ठ अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी (जोधपुर)
- पप्पाराम गोदारा, व्याख्याता, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फाटा (बालोतरा)
- राजेश कुमार मीणा, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय, भिनयाराम, मांडवों की ढाणी
जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित
स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति चार दिनों में दूध पाउडर के दुरुपयोग की सच्चाई सामने लाएगी और रिपोर्ट सौंपेगी।
यदि किसी अन्य अधिकारी या शिक्षक की संलिप्तता पाई जाती है तो राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य स्तर पर निरीक्षण के आदेश
राज्य सरकार ने सभी जिला और खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर सत्यापित कार्रवाई रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही सभी पीईईओ और यूसीईईओ को अपने क्षेत्र के दो स्कूलों का गहन निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
स्टॉक का भौतिक सत्यापन अनिवार्य
शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि सभी स्कूलों में दूध पाउडर के स्टॉक का भौतिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है।
किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पन्नाधाय बाल गोपाल योजना?
इस योजना के तहत प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को पोषण सुधार के लिए स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार गर्म दूध दिया जाता है।
प्रदेश के 57 लाख बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, जिस पर राज्य सरकार 722 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय करती है।