ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से होगी पंजीयन प्रक्रिया
सीकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अशोक कुमार महरिया ने बताया कि पंजीयन प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जो लैब संचालक निर्धारित मानकों का उल्लंघन करेंगे, उन पर ₹10,000 से ₹5,00,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
योग्य चिकित्सक और पंजीकृत स्टाफ अनिवार्य
नियमानुसार प्रत्येक पैथोलॉजी लैब में एमबीबीएस चिकित्सक और योग्य लैब टेक्नीशियन का होना जरूरी है।
जिले में कई लैब संचालकों द्वारा बिना चिकित्सक के लैब चलाने और एक ही चिकित्सक के नाम से कई लैब संचालित करने की शिकायतें मिली हैं।
अब ऐसे लैब संचालकों के खिलाफ चिकित्सा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
स्टाफ का भी होना जरूरी पंजीकृत और प्रशिक्षित
डॉ. महरिया ने बताया कि मीडियम और एडवांस लैब्स में एमडी योग्यताधारी चिकित्सक होना अनिवार्य है।
साथ ही लैब टेक्नीशियन का राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकृत होना जरूरी है।
लैब्स को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, फायर सेफ्टी नियमों और रिकॉर्ड संधारण के सभी प्रावधानों की पालना करनी होगी।
नियम तोड़ने पर कौन करेगा कार्रवाई
नियमों के उल्लंघन की स्थिति में जिला कलेक्टर, सीएमएचओ, पुलिस अधीक्षक, या मनोनीत निकाय सदस्य लैब्स पर कार्रवाई के लिए अधिकृत होंगे।
साथ ही मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी जांच प्रक्रिया में शामिल रहेंगे।
मुख्य उद्देश्य: मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जांच सेवा देना
स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य जिले में संचालित सभी पैथोलॉजी लैब्स को नियमित और पारदर्शी प्रणाली में लाना है, ताकि मरीजों को सटीक जांच और भरोसेमंद रिपोर्ट मिल सके।