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Sikar News: शहीद राजेंद्र बगड़िया को सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई

Final tribute to martyr Rajendra Bagdiya in Losal with military honors

चार साल के बेटे दिव्यांशु ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि

लोसल (सीकर)ओम प्रकाश सैनी। धोद तहसील के नागवा गांव के शहीद जवान राजेंद्र बगड़िया को रविवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद की पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंची, माहौल गमगीन हो गया।

10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा
धोद थाने से नागवा गांव तक करीब 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस दौरान “शहीद राजेंद्र अमर रहें” के नारों से वातावरण गूंज उठा। यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।

चार साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
शहीद राजेंद्र के चार साल के बेटे दिव्यांशु ने पिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर सभी की आंखें नम हो गईं

मां और पत्नी हुईं बेसुध
जैसे ही शहीद की देह घर पहुंची, मां और पत्नी सुमन बगड़िया अपने आंसू नहीं रोक सकीं और बेसुध हो गईं। परिजनों ने किसी तरह उन्हें संभाला।

नेताओं और अफसरों ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, धोद विधायक गोरधन वर्मा, जिला प्रमुख सुनीता गठाला, भाजपा नेता हरिराम रणवा, एडीएम रतन कुमार समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

शहीद की बेटी की इच्छा
शहीद की 9 साल की बेटी दिव्या ने कहा,

“पिता ने देश के लिए बलिदान दिया है, मैं भी बड़ी होकर सेना में भर्ती होकर देश सेवा करूंगी।”

10 दिन पहले छुट्टी से लौटे थे ड्यूटी पर
शहीद जवान 10 दिन पहले छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। दो दिन पहले ही उन्होंने बच्चों से बात की थी। बड़ी बेटी दिव्या ने बताया कि आखिरी बार पापा दादा-दादी से बात कर रहे थे, वह सो गई थी। छोटी बहन नव्या और भाई दिव्यांशु से अंतिम बार बात हुई थी।

ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा
जम्मू-कश्मीर के गंडोह क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल की 7वीं बटालियन की एफ कंपनी में तैनात राजेंद्र कुमार छत से गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया

पारिवारिक स्थिति
शहीद के परिवार में पत्नी सुमन, दो बेटियां (दिव्या और नव्या) और बेटा दिव्यांशु हैं।