शेखावाटी की 662 हवेलियों को मिलेगा नया जीवन और संरक्षण
शेखावाटी की हवेलियां बनीं चर्चा का केंद्र
सीकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शेखावाटी की हवेलियां प्रदेश की अनमोल धरोहर हैं और उनका संरक्षण सभी का सामूहिक दायित्व है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इन हवेलियों के रखरखाव एवं विकास के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
662 हवेलियों का होगा संरक्षण
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि झुंझुनूं, सीकर और चूरू जिलों में 662 हवेलियां चिन्हित की गई हैं। इन्हें हेरिटेज वॉक, सांस्कृतिक केंद्र, आर्ट गैलरी, होमस्टे और टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
शेखावाटी बन रहा पर्यटन का सिरमौर
शर्मा ने बताया कि इस वर्ष के छह माह में लगभग 1.90 करोड़ देशी और 33 हजार विदेशी पर्यटक शेखावाटी क्षेत्र आए। खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी मंदिरों को भी धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
ज्वाइंट कमेटी करेगी निगरानी
उन्होंने घोषणा की कि रामगढ़, नवलगढ़, मंडावा, खेतड़ी, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर और महनसर जैसे कस्बों की हवेलियों के संरक्षण और विकास के लिए विभागों की ज्वाइंट कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी आधारभूत ढांचे और दीर्घकालिक पर्यटन योजनाओं पर काम करेगी। साथ ही जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिया गया कि भविष्य में कोई भी हवेली न तोड़ी जाए।
हितधारकों ने दिए सुझाव
संवाद कार्यक्रम में हवेली मालिक, टूर ऑपरेटर और संरक्षणविदों ने पर्यटन की संभावनाओं, रोजगार सृजन और विरासत की चुनौतियों पर सुझाव साझा किए।
उपमुख्यमंत्री और प्राधिकरण की भूमिका
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप कार्य तेजी से हो रहा है। पर्यटन विभाग ने संरक्षणविदों का पैनल बनाया है और हवेलियों के मूल स्वरूप की रक्षा के लिए बाई-लॉज लागू किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
शेखावाटी की हवेलियां अब केवल इतिहास नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और पर्यटन का आधार बनने जा रही हैं। राज्य सरकार की यह पहल न केवल धरोहर बचाएगी, बल्कि क्षेत्र को रोजगार और वैश्विक पहचान भी दिलाएगी।