सीकर, सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला बनाए जाने की बहाली की मांग को लेकर आज जनता ने सीकर बंद कर जोरदार विरोध जताया। यह बंद सीकर बार एसोसिएशन संघर्ष समिति के आह्वान पर रखा गया, जिसका व्यापक असर सुबह से ही बाजारों और सड़कों पर दिखाई दिया।
दुकानें बंद, सड़कों पर सन्नाटा
सुबह से ही अधिकांश बाजार, कोचिंग सेंटर, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। कई जगहों पर वकीलों और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खुली दुकानों को बंद कराने की अपील की और शांतिपूर्वक बंद का पालन करवाया।
रैली और नारेबाजी
जिला कलेक्ट्रेट स्थित धरनास्थल से वकीलों और संगठनों ने आक्रोश रैली निकाली।
- सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थकों ने भाग लिया।
- सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
- संभाग और जिला बहाली की मांग दोहराई गई।
100 दिन से जारी है धरना
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला घोषित किया गया था, लेकिन नई सरकार ने एक्सपर्ट्स की सिफारिशों पर यह फैसला वापस ले लिया।
इसके विरोध में बार एसोसिएशन ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने क्रमिक अनशन शुरू किया था, जिसे आज 100 दिन पूरे हो गए हैं।
कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने से बढ़ा आक्रोश
धरने को लेकर राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर आक्रोशित जनता और संगठनों ने सीकर बंद का आह्वान किया, जिसे जनता का व्यापक समर्थन मिला।
इन संगठनों ने दिया समर्थन
इस आंदोलन को राजनीतिक, सामाजिक और व्यापारी संगठनों का व्यापक समर्थन मिला। प्रमुख संगठनों में शामिल हैं:
- जिला कांग्रेस कमेटी
- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
- राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी
- कांग्रेस सेवादल
- एनएसयूआई, एसएफआई, डीवाईएफआई
- सीकर व्यापार संघ
- अखिल भारतीय किसान सभा
- राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)
- ऑटो रिक्शा चालक यूनियन (CITU)
- कांग्रेस किसान मोर्चा
- भीम सेना, सेन समाज सेवा समिति
- और अन्य स्थानीय संस्थाएं