सीकर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) सीकर की ओर से एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पीड़ित प्रतिकर स्कीम और बालश्रम प्रकरणों में सहायता राशि के प्रभावी वितरण पर चर्चा की गई।
मुख्य उद्देश्य था कि पोक्सो मामलों में पीड़ित बच्चों को समय पर मुआवजा मिले और बालश्रम से मुक्त बच्चों को सरकारी पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा जाए।
बैठक की अध्यक्षता
बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शालिनी गोयल ने की।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) भावना शर्मा,
बाल कल्याण समिति सदस्य बिहारी लाल बालान,
तथा गायत्री सेवा संस्थान के जिला समन्वयक नरेश कुमार सैनी सहित कई अधिकारी और सामाजिक संस्थान प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
“Zero Pending” मिशन पर जोर
सचिव शालिनी गोयल ने कहा कि पीड़ित प्रतिकर स्कीम केवल गंभीर अपराधों के पीड़ितों, जैसे पोक्सो मामलों, के लिए लागू है,
और हर पात्र पीड़ित को बिना विलंब सहायता राशि मिले, यह हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी पीड़ित को न्याय या सहायता के लिए प्रतीक्षा न करनी पड़े।
बालश्रम मामलों में समन्वित कार्रवाई
बैठक में बालश्रम से मुक्त हुए बच्चों के पुनर्वास और शैक्षणिक सहायता की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
शालिनी गोयल ने कहा कि ऐसे बच्चों को सुरक्षित, सम्मानजनक और शिक्षित भविष्य देना ही असली पुनर्वास है।
प्रशासन की प्रतिबद्धता
अतिरिक्त जिला कलेक्टर भावना शर्मा ने कहा कि सभी विभाग समन्वय स्थापित कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा, “प्रशासन का उद्देश्य है कि हर पात्र पीड़ित को शीघ्र राहत और न्याय मिले।”
समाज की संवेदनशीलता का प्रतीक
बाल कल्याण समिति सदस्य बिहारी लाल बालान ने कहा कि
“पीड़ित प्रतिकर और सहायता राशि केवल आर्थिक सहयोग नहीं,
बल्कि यह समाज की संवेदनशीलता और न्याय व्यवस्था पर भरोसे का प्रतीक है।”
निर्देश और संकल्प
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि
वे आपसी समन्वय से प्रत्येक पात्र पीड़ित को समय पर मुआवजा, सहायता और पुनर्वास लाभ दिलाएं।
बैठक के अंत में उपस्थित सभी अधिकारियों ने ‘Zero Pending Mission’ के तहत त्वरित न्याय का संकल्प लिया।