सेंटर संचालक और अस्पताल प्रबंधन के बीच मशीनरी, भ्रूण संरक्षण और संचालन अधिकारों को लेकर टकराव
सीकर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नेहरू पार्क स्थित जनाना अस्पताल का इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर विवादों में घिर गया है।
अस्पताल प्रबंधन और सेंटर संचालक के बीच विवाद के चलते आइवीएफ सेंटर पर ताले लगा दिए गए हैं।
सेंटर संचालक ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से
करीब डेढ़ करोड़ रुपए की मशीनरी गायब हो गई है,
साथ ही सेंटर में रखे भ्रूण, डोनर गैमीट्स और मरीजों के निजी दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई है।
अस्पताल प्रबंधन और संचालक में टकराव
आइवीएफ सेंटर संचालक डॉ. विक्रम सिंह ने
अस्पताल अधीक्षक डॉ. कमल अग्रवाल, डॉ. इफ्रा, गजेन्द्र सिंह चौहान, रेनुकुमारी, सुशील शर्मा और ऋचा शर्मा
के खिलाफ धोखाधड़ी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और भ्रूण संरक्षण में लापरवाही के आरोप में
कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है।
अस्पताल परिसर में इस घटना की पूरे दिन चर्चा रही।
कई चिकित्सकों ने अस्पताल में चल रही एमआरआई जांचों में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए।
2017 से PPP मोड पर चल रहा था सेंटर
सेंटर संचालक के अनुसार,
साल 2017 में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर आइवीएफ सेंटर की शुरुआत हुई थी।
यहां निजी अस्पतालों की तुलना में कम दरों पर निसंतान दंपतियों का इलाज किया जाता था।
उन्होंने बताया कि हाल में सेंटर में
अधिकृत स्टाफ की जगह बाहरी लोगों को काम पर लगाए जाने की शिकायत मिलने पर
उन्होंने 23 सितंबर 2025 को आरएमआरएस सदस्य सचिव, कल्याण अस्पताल अधीक्षक और कोतवाली थाना को लिखित सूचना दी थी।
भ्रूण संरक्षण को लेकर संवेदनशील मामला
सेंटर संचालक के अनुसार,
राज्य आइआरटी बोर्ड ने मौजूदा परिस्थिति में सेंटर को निरस्त कर दिया है
और आदेश में यह जिम्मेदारी दी गई है कि
भ्रूण संरक्षण की जिम्मेदारी सेंटर संचालक के पास रहेगी।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन को लिखित में बताया कि
जब तक सरकार से नए आदेश नहीं आते, तब तक सेंटर की मशीनरी और भ्रूणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी।
अस्पताल अधीक्षक बोले — जांच कराई जाएगी
अस्पताल अधीक्षक डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा —
“आइवीएफ सेंटर चलाने वाली कंपनी ने बिना जानकारी के दूसरी कंपनी से एमओयू कर लिया।
दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं।
सेंटर संचालन पर निर्णय मुख्यालय से मार्गदर्शन मिलने के बाद लिया जाएगा।”
सेंटर संचालक का आरोप
आइवीएफ सेंटर संचालक डॉ. विक्रम सिंह ने कहा —
“जनाना अस्पताल में आइवीएफ सेंटर की डेढ़ करोड़ रुपए की मशीनरी गायब है।
भ्रूण और दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई है।
मामले की सूचना देने के बावजूद अधीक्षक ने कार्रवाई नहीं की,
इसलिए कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।”
फिलहाल सेंटर बंद, मरीजों को परेशानी
फिलहाल आइवीएफ सेंटर पर ताले लगे हैं,
जिससे सीकर समेत आसपास जिलों के निसंतान दंपति उपचार नहीं करवा पा रहे हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने जयपुर निदेशालय से आगे की कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन मांगा है।