सीकर, अब सीकर जिले में संचालित सभी पैथोलॉजी लैब्स को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पांच साल का स्थायी पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इस पंजीयन प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लैब्स में प्रशिक्षित स्टाफ ही काम करें, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट मिल सके और उनका इलाज अधिक सटीक हो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. अशोक कुमार महरिया ने बताया कि पंजीयन की प्रक्रिया ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से शुरू की जा चुकी है।
जुर्माना और कार्रवाई के प्रावधान
यदि कोई लैब संचालक निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करता है, तो उस पर ₹10,000 से लेकर ₹5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
लैब में एमबीबीएस चिकित्सक सहित योग्य स्टाफ की मौजूदगी भी अनिवार्य कर दी गई है।
स्टाफ पंजीयन और अन्य मानदंड
- मीडियम और एडवांस लैब्स में एमडी पैथोलॉजिस्ट होना आवश्यक
- लैब तकनीशियन को निर्धारित योग्यता के साथ राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकृत होना जरूरी
- बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट, फायर सेफ्टी नियम, और लैब रिकॉर्ड का संरक्षित रखाव अनिवार्य
निगरानी और कार्रवाई के अधिकार
यदि किसी लैब के खिलाफ नियमों के उल्लंघन की शिकायत मिलती है तो इन अधिकारियों को कार्रवाई का अधिकार होगा:
- जिला कलेक्टर
- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO)
- पुलिस अधीक्षक
- स्वायत्त शासन निकाय का प्रतिनिधि
- मेडिकल एसोसिएशन का सदस्य
ये अधिकारी संयुक्त रूप से लैब्स की जांच और आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे।