पटवारी की पहल और तहसीलदार की त्वरित स्वीकृति से मिला किसानों को न्याय
श्रीमाधोपुर क्षेत्र का मामला
सीकर | श्रीमाधोपुर उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम सांवलपुरा तंवरान में कृषि भूमि को लेकर वर्षों से चला आ रहा विवाद आखिरकार राजस्व विभाग की पहल से सुलझ गया।
किन किसानों के बीच था विवाद
उपखण्ड अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि ग्राम सांवलपुरा तंवरान के कृषक—
- लोकेश पुत्र राजेन्द्र प्रसाद
- मोहन लाल पुत्र मातादीन
- भूरा राम
- पवन कुमार
- चौथमल (जाति – ब्राह्मण)
के बीच कृषि भूमि के स्पष्ट विभाजन के अभाव में लंबे समय से विवाद बना हुआ था।
खेती में आ रही थी बड़ी परेशानी
भूमि का सीमांकन और बंटवारा स्पष्ट नहीं होने के कारण किसानों को खेती करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
इससे आपसी मतभेद बढ़ते जा रहे थे और मामला लगातार लंबित बना हुआ था।
पटवारी ने घर-घर जाकर सुनी समस्या
राज्य सरकार की जनसमस्या समाधान की मंशा के अनुरूप पटवार हल्का सांवलपुरा तंवरान के पटवारी अशोक कुमार वर्मा ने संवेदनशीलता दिखाते हुए—
- स्वयं किसानों के घर जाकर
- सभी पक्षों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं
- आपसी समझाइश के जरिए सहमति बनाने का प्रयास किया
नाप-जोख कर तैयार हुआ विभाजन प्रस्ताव
सभी पक्षों की सहमति के बाद कृषि भूमि की विधिवत नाप-जोख कर
विभाजन का प्रस्ताव तैयार किया गया, जिससे विवाद का स्थायी समाधान संभव हो सका।
कैम्प दिवस पर मिली त्वरित स्वीकृति
कैम्प दिवस के अवसर पर तहसीलदार श्रीमाधोपुर द्वारा उक्त विभाजन प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की गई।
वर्षों पुराना विवाद हुआ समाप्त
प्रस्ताव की स्वीकृति के साथ ही वर्षों से चला आ रहा भूमि विवाद समाप्त हो गया।
सभी संबंधित किसानों को न्यायोचित राहत मिली और अब वे बिना किसी बाधा के खेती कर सकेंगे।