सीकर, जिला सीकर के नीमकाथाना तहसील के ग्राम मावण्डा कला में दो नाबालिग बालक—रोहित भार्गव और मनीष भार्गव—भिक्षावृत्ति करते हुए पाए गए। दोनों बालकों के पास न तो कोई स्थायी आवास था और न ही कोई संरक्षक।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक डॉ. गार्गी शर्मा ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके तहत चाइल्ड लाइन सीकर के राकेश चिरानिया और गायत्री सेवा संस्थान के जितेन्द्र ने मौके पर पहुंचकर बाल कल्याण समिति सीकर के निर्देशानुसार सामाजिक जांच की।
जांच में पाया गया कि दोनों बालक पूर्णत: असहाय अवस्था में हैं और तुरंत पुनर्वास की आवश्यकता है। ग्राम सरपंच महावीर प्रसाद सैनी ने बालकों के पुनर्वास के लिए विधिवत आवेदन प्रस्तुत किया। कार्रवाई में उपखण्ड अधिकारी नीमकाथाना की भी उपस्थिति रही, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकी।
‘वात्सल्य धाम, रेवासा’ में मिला अस्थायी आश्रय
बाल कल्याण समिति सीकर के आदेश पर दोनों नाबालिग बालकों को सीकर लाया गया और ‘वात्सल्य धाम, रेवासा’ में अस्थायी रूप से प्रवेश देकर पुनर्वासित किया गया।
बाल कल्याण समिति सीकर के अध्यक्ष अंकुर बहड़ ने बताया कि बालकों के परिवार की विस्तृत जांच की जाएगी और जरूरत अनुसार उन्हें उनके परिवार में पुनर्वासित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। शासन की योजनाओं के तहत उन्हें हरसंभव सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
यह कार्रवाई बाल संरक्षण एवं पुनर्वास के प्रति प्रशासनिक संवेदनशीलता को दर्शाती है और असहाय बालकों को सुरक्षित जीवन की ओर एक नई शुरुआत देने का सशक्त प्रयास है।