सीकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राजस्थान में चल रहे जल स्वावलम्बन अभियान ने सीकर जिले में जोर पकड़ लिया है। अब यह सिर्फ एक सरकारी मुहिम नहीं रहकर, आमजन की भागीदारी से जन आंदोलन का रूप ले चुका है। अभियान के तहत परंपरागत जल स्रोतों की साफ-सफाई और संरक्षण का कार्य पूरे ज़िले में तेजी से चल रहा है।
प्राचीन जलाशयों को मिल रही नई पहचान
सीकर शहर के मारू पार्क स्थित बड़ा तालाब इसका उदाहरण बन गया है। यहां पेड़ों से गिरने वाली पत्तियों और गंदगी से पानी की गुणवत्ता इतनी गिर गई थी कि उसका रंग तक बदल गया था। लेकिन वंदे गंगा—जल संरक्षण जन अभियान के तहत जब इसकी सफाई शुरू हुई, तो मानव श्रम और सामूहिक प्रयासों से कुछ ही दिनों में तालाब पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल हो गया।
जिले भर में हो रही है पारंपरिक जल स्रोतों की सफाई
सीकर शहर ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में अब बावड़ियों, कुओं, तालाबों व सरोवरों की चिन्हित कर सफाई और पुनर्स्थापन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। नगर निकाय, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन के साथ आम लोग भी इसमें बढ़-चढ़कर सहभागिता निभा रहे हैं।
जनसहभागिता से बदल रही है तस्वीर
इस अभियान में नागरिकों का योगदान उल्लेखनीय है। अपने क्षेत्र के जल स्रोतों की सुध लेने और उन्हें फिर से जीवित करने का जज़्बा लोगों में साफ़ झलक रहा है। नतीजतन, जहां पहले गंदगी और बदबू थी, वहीं अब स्वच्छ जल और आकर्षक वातावरण बनता जा रहा है।