अजीतगढ़ (विमल इंदौरिया): अजीतगढ़ के मुख्य चौपड़ में चल रही 50वीं वार्षिक रामलीला में रात सीता हरण प्रसंग का प्रभावशाली मंचन किया गया।
रावण का वैर और राम की वानर मित्रता
कहानी के इस भावुक मोड़ पर लंकेश्वर रावण, जो एक महान विद्वान और योद्धा होने के साथ-साथ अहंकार का प्रतीक भी है, अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने हेतु सीता हरण करता है।
पंडाल में सजीव मंचन के दौरान दिखाया गया कि किस प्रकार राम और लक्ष्मण के द्वारा खर-दूषण, त्रिशरा का वध किए जाने के बाद, रावण अपने दूसरे जन्म के अंत को सुगम बनाने के लिए राम से वैर करता है और पंचवटी से सीता का हरण करता है।
गिद्धराज जटायु और वानर राज से भेंट
सीता की खोज के दौरान श्रीराम द्वारा गिद्धराज जटायु का उद्धार, फिर वानरराज सुग्रीव से मित्रता, और हनुमान के साथ गठबंधन जैसी भावनात्मक लीलाओं का मंचन भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया।
मंच पर जीवंत हुए पौराणिक पात्र
रामलीला कोर्डिनेटर जुगल किशोर जोशी ने जानकारी दी कि विभिन्न पात्रों को जीवंत रूप में मंचित किया गया:
- रावण – दिनेश गोविंद शर्मा
- राम – हेमंत पारीक
- लक्ष्मण – दिनेश बंसल
- सीता – अमित पारीक
- हनुमान – अरुण शर्मा
- सुग्रीव – विमल इंदौरिया
- जटायु – सुंदर माछुपुरिया
- मारीच – रौनक माछुपुरिया
- विदूषक – भोलूराम बडसीवाल
- खर – विनोद लुनाका
आज होंगे ये विशेष प्रसंग
रामेश्वर स्थापना
अंगद-रावण संवाद
कुंभकरण वध
इन प्रसंगों के भव्य मंचन के साथ रामलीला का समापन 2 अक्टूबर को राम राज्याभिषेक के साथ किया जाएगा।