अजीतगढ़, विमल इंदौरिया। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय (नीमकाथाना क्षेत्र) का द्वि-दिवसीय जिला शैक्षिक अधिवेशन निकटवर्ती धार्मिक स्थल त्रिवेणी धाम स्थित श्री धन्ना भगत जाट धर्मशाला में संपन्न हुआ। अधिवेशन में शिक्षकों की समस्याएं, राष्ट्रवादी शिक्षा पद्धति और शिक्षक की सामाजिक भूमिका पर गहन चर्चा हुई।
शिक्षकों की समस्याओं पर खुला मंथन
कार्यक्रम के संयोजक BEO मोहनलाल और संघ ब्लॉक अध्यक्ष भगवान सहाय गुर्जर ने बताया कि अधिवेशन में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण, गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति, वेतन विसंगति, पंचायत शिक्षकों का स्थायीकरण और प्रबोधकों को चयनित वर्ष से परिलाभ देने जैसी महत्वपूर्ण मांगों पर विचार किया गया।
संतों और जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम की अध्यक्षता खोजीद्वाराचार्य रामरिछपाल दास जी महाराज ने की, वहीं अजीतगढ़ पंचायत समिति प्रधान शंकरलाल यादव मुख्य अतिथि रहे।
मुख्य वक्ता प्रीतम सिंह (RSS विभाग कार्यवाहक) ने कहा –
“शिक्षक केवल ज्ञान नहीं, बल्कि संस्कार भी देते हैं। राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका केंद्रीय है।”
शिक्षा + संस्कार = समृद्ध समाज
संत रामरिछपाल दास महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा –
“प्राचीन काल से शिक्षक की भूमिका गरिमामयी रही है। आज भी वही भूमिका समाज को दिशा दे सकती है।”
वहीं, प्रधान शंकरलाल यादव ने कहा –
“सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में शिक्षक की भूमिका अहम है।”
संघ पदाधिकारियों ने रखे विचार
कार्यक्रम में संघ से जुड़े प्रभुदयाल खर्रा, गोकुल जांगिड़, विनीत वर्मा, भगवान सहाय गुर्जर, गोपाल यादव, सपना मीणा सहित कई पदाधिकारियों ने विचार रखे। कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
आयोजन को सफल बनाने में योगदान
इस सफल आयोजन के लिए विजय कुमार पारीक, नरेंद्र शर्मा, अनिल जांगिड़ सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।