रींगस (सीकर)।राजस्थान के उमंग-5 अभियान के तहत बाल संरक्षण के क्षेत्र में एक और सराहनीय कदम उठाया गया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंकुर बहड़ ने बताया कि बुधवार को गायत्री सेवा संस्थान, मानव तस्करी विरोधी इकाई, चाइल्डलाइन और रींगस थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने एक नाबालिग बालक को होटल से बालश्रम से मुक्त कराया।
रेस्क्यू किया गया 13 वर्षीय बालक सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक होटल में काम करने को मजबूर था। उसे होटल की सफाई, बर्तन धोने और ग्राहकों की सेवा जैसे कार्य कराए जा रहे थे।
नशीले पदार्थ देकर काम करवाया जा रहा था
बालक ने बताया कि उसे खैनी या जर्दा जैसे नशीले पदार्थ दिए जाते थे, जिससे वह थकान महसूस किए बिना लगातार काम करता रहे।
रेस्क्यू के बाद बच्चे को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंकुर बहड़ के समक्ष पेश किया गया। पूछताछ और काउंसलिंग के बाद बच्चे को कस्तूरबा सेवा संस्थान में अस्थायी आश्रय दिया गया। यहां उसे चिकित्सा, सुरक्षा और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
समाज की भूमिका पर सवाल
अंकुर बहड़ ने कहा— “जब एक बच्चा किताबों की जगह झूठे बर्तन धो रहा हो, तो दोष सिर्फ होटल का नहीं, बल्कि पूरे समाज का होता है। हम सबको इस पर आवाज़ उठानी होगी।”
उन्होंने अपील की—यदि आप किसी बच्चे को होटल, ढाबा, दुकान या फैक्ट्री में काम करते देखें, तो तुरंत चाइल्डलाइन 1098 पर सूचना दें। एक कॉल किसी मासूम की ज़िंदगी बदल सकता है।
टीम के सदस्य
गायत्री सेवा संस्थान से जिला समन्वयक नरेश कुमार सैनी और काउंसलर अभिषेक बगड़िया, मानव तस्करी विरोधी इकाई से इंचार्ज कृतिका सोनी, चाइल्डलाइन से मनोज कुमार, राकेश कुमार, विनीत, तथा रींगस थाना पुलिस से बाल कल्याण अधिकारी सीताराम एसआई मौजूद रहे।