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नगरीय भूमि आवंटन नीति-2025: पारदर्शिता और निवेश को मिली बढ़ावा

Sikar approves urban land allotment policy 2025, new guidelines issued

सीकर,  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार ने नगरीय क्षेत्रों के विभिन्न उपयोगों के लिए भूमि आवंटन नीति-2025 को मंजूरी दे दी है। यह नीति राज्य भर में लागू होगी, जिससे सामाजिक, शैक्षणिक, औद्योगिक, चिकित्सकीय और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और आसान बनेगी।

कौन-कौन सी संस्थाएं होंगी लाभान्वित?

नई नीति के तहत सार्वजनिक, सामाजिक, धार्मिक, चैरिटेबल ट्रस्ट, निजी निवेशकों, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थाओं, मेडिकल यूनिट्स और विभिन्न विभागों को नियमानुसार भूमि आवंटन मिल सकेगा। हर allotment अब DLC दर की अधिकतम 40% रियायती दर पर किया जायेगा, जिससे संस्थाओं पर वित्तीय बोझ कम रहेगा।

कैसा होगा आवंटन का तरीका?

  • रीको एवं आवासन मंडल को अविकसित भूमि कृषि DLC दर पर दी जाएगी।
  • राजकीय विभागों को उनकी गतिविधियों के लिए निर्धारित सीमा तक भूमि निःशुल्क आवंटित होगी।
  • निवेश आधारित आवंटन के लिए विश्वविद्यालयों को न्यूनतम 300 करोड़ और चिकित्सा कॉलेजों को न्यूनतम 500 करोड़ निवेश की अनिवार्यता होगी।
  • राजनीतिक दलों, निजी कंपनियों, सरकारी विभागों आदि को भी परिभाषित सीमा के अनुसार आवंटन किया जाएगा।

क्यों खास है नयी नीति?

पहली बार भूमि आवंटन की सीमा और दरें स्पष्ट की गई हैं। अब तक इस्तेमाल नहीं होने वाली भूमि पर सरकार उसे वापस ले सकती है। पारदर्शिता के लिए कैबिनेट या मंत्रियों के विवेकाधिकार समाप्त कर केवल मुख्यमंत्री के हाथ में अंतिम अधिकार रखा गया है।

किन कार्यों के लिए नहीं मिलेगा आवंटन?

नीति के अनुसार आवासीय परियोजना, वाणिज्यिक परिसर, रिटेल फ्यूल स्टेशन, गैस वितरण प्रोजेक्ट, रेड कैटेगरी उद्योग आदि के लिए भूमि आवंटन की अनुमति नहीं होगी।