सोशल मीडिया वीडियो से शुरू हुई कार्रवाई
सीकर, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहे नाबालिग बाल श्रमिक को जिला प्रशासन की तत्परता और सख्ती के बाद रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया।
यह कार्रवाई सदर थाना पुलिस, बाल कल्याण समिति, जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रेन एलायंस और गायत्री सेवा संस्थान की संयुक्त टीम ने की।
फूड कार्ट से 15 वर्षीय बालक को मुक्त कराया
कार्रवाई के दौरान टीम ने गोविंदम रेसिडेंसी के पास स्थित “ठेकेदार वड़ा पाव” फूड कार्ट पर काम कर रहे 15 वर्षीय बालक को रेस्क्यू किया।
बालक से रोजाना 8–9 घंटे बेगार मजदूरी करवाए जाने की पुष्टि हुई।
संयुक्त टीम की त्वरित भूमिका
रेस्क्यू में सक्रिय रहे अधिकारी और सदस्य—
- एसआई भोलाराम (सदर थाना)
- कॉनस्टेबल सुभाष
- अभिषेक बगड़िया (फील्ड कोऑर्डिनेटर, जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रेन एलायंस)
- जितेंद्र नाथावतपुरा (गायत्री सेवा संस्थान)
रेस्क्यू के बाद बालक का मेडिकल परीक्षण करवाया गया।
बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत
बाद में बालक को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंकुर बहड़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
समिति के आदेश अनुसार बच्चे को कस्तूरबा सेवा संस्थान, भादवासी में सुरक्षित आश्रय, भोजन और काउंसलिंग की व्यवस्था के साथ रखा गया है।
सोशल मीडिया पर बाल श्रम का प्रमोशन चिंता का विषय
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंकुर बहड़ ने कहा—
“कुछ समय से फूड कार्ट के सोशल मीडिया वीडियो में इस बच्चे को काम करते देखा जा रहा था। यह न केवल सोशल मीडिया का दुरुपयोग है बल्कि बाल श्रम को प्रमोट करने जैसा गंभीर कृत्य है।”
दोषियों पर होगी सख्त कानूनी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि—
- बाल श्रम किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- सोशल मीडिया पर नाबालिगों को मजदूरी करवाते दिखाना भी कानूनी अपराध है।
- दोषियों पर बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का सख्त संदेश
सीकर प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों पर जिला स्तर पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
किसी भी संस्थान, व्यक्ति या सोशल मीडिया हैंडल द्वारा बाल श्रम के प्रमोशन पर तुरंत कानूनी कार्रवाई होगी।