सीकर, जिले में “कर्मभूमि से मातृभूमि (जल संचय – जनभागीदारी)” अभियान के तहत जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य वर्षा पूर्व जल संरक्षण कार्यों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना रहा।
भामाशाहों की भागीदारी से बनेगी संरचनाएं
बैठक में जिला कलेक्टर ने भामाशाहों, संस्थानों और उद्योगपतियों से अपील की कि वे इस जन अभियान में भागीदारी निभाएं और जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण में सहयोग करें।
“जल भविष्य के लिए सबसे बड़ा निवेश है। इसमें जनसहभागिता बेहद ज़रूरी है।”
— मुकुल शर्मा, जिला कलेक्टर, सीकर
अब तक बने 18 रिचार्ज शॉफ्ट
बैठक में भामाशाह रिटेल्ज प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता द्वारा धोद और फतेहपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में 18 रिचार्ज शॉफ्ट निर्माण पूर्ण होने की जानकारी दी गई। कंपनी प्रतिनिधियों सीए सुनील मोर और प्रदीप शर्मा (रजिस्ट्रार, सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट) ने बताया कि 100 अतिरिक्त रिचार्ज शॉफ्ट निर्माण की योजना भी तैयार है।
सीएसआर और क्राउड फंडिंग से होगा जल निवेश
वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक दिनेश शर्मा ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत भामाशाहों, सीएसआर फंड और क्राउड फंडिंग के माध्यम से जल संरचनाएं बनाई जा रही हैं। यह मॉडल स्थायी जल समाधान के लिए कारगर माना जा रहा है।
बैठक में मौजूद रहे अधिकारी
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, एडीपीसी राकेश लाटा, नथमल खेदड़ (अधिशाषी अभियंता सिंचाई) और अन्य प्रशासनिक अधिकारी तथा भामाशाह भी मौजूद रहे।