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सीकर में जलभराव पर तात्कालिक नियंत्रण, डीपीआर से स्थायी समाधान

Sikar municipal team controlling waterlogging near NH-52 after rain

सीकर, मानसून में हर साल होने वाले जलभराव की समस्या पर इस बार नगर परिषद सीकर ने तात्कालिक राहत देने के साथ-साथ स्थायी समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

तात्कालिक उपायों से मिली राहत

नगर आयुक्त शशीकांत शर्मा ने बताया कि सालासर रोड के पास नानी ग्राम क्षेत्र में पानी एकत्रित करने वाले बांधों की खुदाई और चौड़ाई बढ़ाई गई है।
इससे बारिश का पानी जमीन में ज्यादा मात्रा में सोखाया जा रहा है और NH-52 पर ओवरफ्लो की समस्या खत्म हुई है।
साथ ही, हाईवे पर गांवों के रास्तों पर पाइप लगाकर आवागमन सुचारू किया गया और पंप व टैंकर से पानी निकासी का कार्य किया गया।

पिछले साल की गलती से सबक

पिछले वर्ष बांधों की खुदाई नहीं होने के कारण पानी जमीन में नहीं सोख पाया और हाईवे पर बहता रहा।
इस बार मानसून से पहले ही तैयारी कर ली गई, जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रही।

स्थायी समाधान के लिए DPR तैयार

शहर की बढ़ती आबादी और शिक्षा नगरी के रूप में विकास को देखते हुए स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज परियोजना को अत्यावश्यक माना गया है।
एमएनआईटी जयपुर द्वारा तैयार 354.60 करोड़ की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में

  • 07 एसटीपी (32.50 MLD)
  • शोधित जल के पुनः उपयोग
  • 80.47 करोड़ की लागत से जल पुनर्चक्रण योजना
    शामिल हैं।

बजट घोषणा में शामिल बड़े क्षेत्र

मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2025-26 के तहत
पिपराली चौराहा, झुंझुनूं बाईपास, गोकुलपुरा, सांवली चौराहा, धोद चौराहा और पालवास चौराहा क्षेत्रों में सीवरेज और बरसाती पानी निकासी के काम की योजना है।
सीवरेज DPR (374.49 करोड़) भेजी जा चुकी है, जबकि बरसाती पानी निकासी DPR तैयार हो रही है।

नगर परिषद की अपील

शहर के कोचिंग संस्थानों, विद्यालयों, अस्पतालों, सरकारी भवनों और घरों में वर्षा जल संचयन संरचना बनाने की अपील की गई है,
ताकि भूजल स्तर बढ़े और जलभराव की समस्या घटे।