चूरू कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सुनाई उम्रकैद
चूरू, चूरू जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को साल 2021 में हुए बहुचर्चित ब्लाइंड मर्डर केस में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पत्नी, उसके पति और ससुर को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
प्रेम संबंध में रची गई हत्या की साजिश
मामला रतननगर थाना क्षेत्र के गांव सातड़ा का है, जहां 8 जुलाई 2021 को गांव रामदेवरा निवासी रामावतार (23) का शव सड़क किनारे मिला था। शुरुआती जांच में यह ब्लाइंड मर्डर प्रतीत हुआ, लेकिन पुलिस ने 24 घंटे के भीतर हत्या की गुत्थी सुलझा दी।
पत्नी, पति और ससुर ने मिलकर की हत्या
लोक अभियोजक रोशन सिंह राठौड़ ने बताया कि मृतक रामावतार और ममता जांगिड़ के बीच विवाह पूर्व प्रेम संबंध थे। अप्रैल 2021 में ममता का विवाह सातड़ा के दीपचंद उर्फ दीपक से हो गया, लेकिन विवाह के बाद भी दोनों के संबंध बने रहे।
ससुराल वालों को जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने ममता के साथ मिलकर रामावतार की हत्या की साजिश रची।
खेत की ढाणी में बुलाकर पीट-पीट कर की हत्या
7 जुलाई 2021 को ममता ने रामावतार को फोन कर कहा कि वह घर में अकेली है और मिलने बुलाया। रामावतार जैसे ही बुधराम के खेत की ढाणी में पहुंचा, वहां पहले से छिपे दीपचंद और ससुर बुधराम ने उसे पकड़ लिया और केबल तार से निर्मम पिटाई की। अंदरूनी चोटों के कारण मौके पर ही रामावतार की मौत हो गई।
21 गवाह, 65 दस्तावेज बने सजा का आधार
पुलिस ने शव बरामद कर ममता, दीपचंद और बुधराम को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में 21 गवाहों के बयान और 65 दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर सभी तीनों को हत्या का दोषी माना गया।
न्यायिक प्रणाली में विश्वास का उदाहरण
यह केस राज्य के उन गिने-चुने ब्लाइंड मर्डर मामलों में रहा, जिसमें कोर्ट ने पुख्ता सबूतों के आधार पर आजीवन कारावास की सजा दी। चूरू पुलिस की जांच और लोक अभियोजन की तत्परता से यह संभव हो सका।