वीडियो वायरल करके किया बदनाम
रतनगढ़, चूरू। 28 वर्षीय युवक द्वारा एक महिला को लिफ्ट देना उसकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल बन गई। इस छोटे से उपकार के बाद शुरू हुई बातचीत ब्लैकमेलिंग और मानसिक प्रताड़ना में बदल गई। मामला अब रतनगढ़ पुलिस के पास पहुंच चुका है, जहां पीड़ित युवक ने न्यायालय के माध्यम से विवाहिता पूजा और अनु कंवर उर्फ तुलसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
ऐसे रचा गया दोस्ती का जाल
पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि करीब डेढ़ साल पहले वह बाइक से औद्योगिक क्षेत्र से लौट रहा था, तभी एक युवती पूजा ने लिफ्ट मांगी। उसे मंडेलिया फार्म हाउस के पास छोड़ दिया गया। कुछ दिनों बाद वह बाजार में दोबारा मिली और अपने पिता की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर गांव पायली तक छोड़ने को कहा।
इसके बाद मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ और कुछ दिनों तक युवती बार-बार मिलने लगी।
बीकानेर में हुआ जाल बिछाव
कुछ दिनों बाद पूजा ने बीकानेर बुलाया, जहां युवक की मुलाकात अनु कंवर उर्फ तुलसी नामक विवाहिता से हुई। वहां उसे नींबू पानी में कुछ मिलाकर पिलाया गया जिससे वह बेहोश हो गया। होश आने के बाद वह रतनगढ़ और फिर दिल्ली चला गया।
ब्लैकमेलिंग और रुपए की वसूली
इसके बाद शुरू हुआ वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकियों का सिलसिला। आरोपी महिलाओं ने युवक से 1.80 लाख रुपए ठग लिए, लेकिन फिर भी डिमांड बढ़ती गई।
यहां तक कि आरोपी पीड़िता के घर तक आ धमके और बहन के ससुराल में भी हंगामा किया। मांग पूरी न करने पर फेक सोशल मीडिया आईडी बनाकर आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिया गया।
पुलिस जांच में जुटी, गिरोह होने का संदेह
युवक ने अपने इस्तगासे में आरोप लगाया कि यह महिलाएं सोची-समझी साजिश के तहत युवकों को फंसाकर उनसे पैसे वसूलती हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर सीआई दिलीप सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मामले की तह तक जाने के लिए तकनीकी विश्लेषण और मोबाइल डाटा की भी सहायता ली जा रही है।
सावधानी जरूरी: यह सिर्फ एक मामला नहीं
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सोशल ट्रैप और साइबर ब्लैकमेलिंग का जाल अब छोटे शहरों तक भी पहुंच चुका है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में तत्काल पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करना जरूरी है।