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Video News: हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो…… वसुंधरा राजे जैसा हो ! के लगे नारे

वसुंधरा राजे का स्वागत, लगे CM वाले नारे

रतनगढ़ में रोचक नज़ारे के साथ दो जगह भाजपाइयों ने किया पूर्व मुख्यमंत्री का स्वागत

रतनगढ़ में दो जगह हुआ स्वागत, नारेबाज़ी से उठे सियासी संकेत

रतनगढ़, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया आज बीकानेर से जयपुर जाते समय अल्प प्रवास पर रतनगढ़ रुकी। इसी दौरान एक रोचक वाक्या भी देखने को मिला। जिसके अब राजनितिक मायने भी निकाले जायेगे। बता दे कि पूर्व विधायक राजकुमार रिणवां के नेतृत्व में जहां उनका स्वागत किया गया वहां पर नारा लगाया गया कि हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो भीड़ ने कहा वसुंधरा राजे जैसा हो लेकिन वहीं पर वसुंधरा राजे ने भी नारे लगाने वाले कार्यकर्ता से सुधार कर कैसी हो बोलने के लिए कहा। जिसके बाद नारे लगे हमारी मुख्यमंत्री कैसी हो कार्यकर्ताओं ने जोर से नारा लगाया वसुंधरा राजे जैसी हो। वही कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए जाने वाला नारा तो यह सामान्य हो सकता है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसमें कैसा और कैसी का जो सुधार करके एक बहुत बड़ा संकेत राजनीतिक विश्लेषको के लिए छोड़ दिया है या फिर कहीं ना कहीं वसुंधरा राजे ने एक उलट फेर का इशारा इस तरफ किया है। यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन रतनगढ़ में दूसरा इनका स्वागत और सम्मान का कार्यक्रम पूर्व विधायक एवं प्रत्याशी अभिनेश महर्षि के नेतृत्व में भी किया गया। यानि एक संगठन दो जगह स्वागत।

रतनगढ़, चूरू।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया बीकानेर से जयपुर जाते समय रतनगढ़ में अल्प प्रवास पर रुकीं। इस दौरान हुआ दृश्य राजनीतिक दृष्टि से बेहद रोचक रहा।


कैसा-से → कैसी-हो: एक शब्द बदला, सियासत गरमाई

रतनगढ़ में पूर्व विधायक राजकुमार रिणवां के नेतृत्व में स्वागत के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया —

“हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो?”
भीड़ ने उत्तर दिया — “वसुंधरा राजे जैसा हो!”

इस पर राजे ने तुरंत सुधार करते हुए कहा – ‘कैसी हो बोलो!’
इसके बाद कार्यकर्ताओं ने जोश में नारा लगाया:

“हमारी मुख्यमंत्री कैसी हो?”
“वसुंधरा राजे जैसी हो!”

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह मामूली शब्द सुधार भविष्य की सियासी रणनीति का बड़ा संकेत हो सकता है।


दो गुटों ने किया स्वागत, दिखी शक्ति प्रदर्शन की होड़

रतनगढ़ में दो जगहों पर स्वागत समारोह आयोजित हुए:

पहला स्वागत – लूंछ फांटा (पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवां गुट)

  • बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद
  • नेताओं में पूनमचंद बैद, नंदकिशोर भार्गव, गंगाधर थालोड़ सहित कई स्थानीय नेता

दूसरा स्वागत – जयपुर पुलिया के पास (पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि गुट)

  • 51 किलो की माला पहनाकर स्वागत
  • प्रमुख मौजूद नेता: खेमाराम मेघवाल, वंदना आर्य, अर्जुन सिंह फ्रांसा, शिवभगवान कम्मा

दोनों गुटों ने अपना सियासी दमखम दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।


किसानों की चिंता, राजे ने दिए आश्वासन

दोनों कार्यक्रमों में किसानों की हालिया बारिश से फसल नुकसान की बात उठाई गई।
राजे ने कहा:

मैं सरकार से बात कर पुनः गिरदावरी की मांग करूंगी और किसानों को अधिक मुआवज़ा दिलाने का प्रयास होगा।


लोकल समीकरणों पर पड़ेगा असर?

रतनगढ़ में हुए इस स्वागत को स्थानीय भाजपा संगठन में गुटबाज़ी और शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़ा जा रहा है।



निष्कर्ष

रतनगढ़ में वसुंधरा राजे का अल्प प्रवास भले कुछ घंटों का रहा हो, लेकिन सियासी पारा जरूर चढ़ा गया।
“हमारी मुख्यमंत्री कैसी हो – वसुंधरा राजे जैसी हो” जैसे नारे, उनके समर्थकों के मन की बात और भावी उम्मीदों को दर्शाते हैं।