परियोजना आधारित शिक्षण द्वारा
झुंझुनू, पिरामल फाउंडेशन एवं सहयोगी संस्था रेप बेनिफिट के द्वारा संचालित परियोजना आधारित शिक्षण को झुंझुनूं जिले के 100 राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सम्पन्न किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य समस्त छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं स्कूल एवं समुदाय में प्लास्टिक द्वारा द्वारा होने वाले प्रदूषण को खत्म करना है। यह परियोजना समस्त छात्रों को एक अवसर प्रदान करने की ओर अग्रसर है जिसकी सहायता से न सिर्फ छात्रों का चहुँमुखी विकास हो रहा है अपितु वह समस्या एवं उसके समाधानों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हल करने की सीख प्रदान करती है। पिरामल फाउंडेशन के अशगाल खान ने बताया कि परियोजना आधारित शिक्षण समस्त छात्रों को करके सीखने के ऐसे अवसर प्रदान करती है जिससे उनमें 21वीं सदी के वह कौशल उजागर होते हैं जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में सहायक होते हैं एवं उनके दैनिक जीवन में घटित होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए तैयार करती है। इस परियोजना के माध्यम से छात्र अध्यापकों एवं समुदाय के युवा वालंटियरों की सहायता से समस्याओं की खोज करते हैं और फिर समूह के रूप में इन समस्याओं के कारणों को जानने का प्रयास करते हैं। उसके बाद वह गहन चिंतन एवं विचार विमर्श के बाद समस्याओं के हलों को एक खोजी के रूप में ढूंढ़ कर उसका निपटारा करते हैं। इसी क्रम में ये छात्र अपने समुदाय में लोगों को प्लास्टिक के दुरुपयोग एवं इसके निपटारण को लेकर सचेत कर रहे हैं। अध्यापकों के मार्गदर्शन एवं गांधी फेलो की सहायता के आधार पर छात्रों ने चित्रकला, समूहिक चर्चा, निबंध लेखन आदि द्वारा प्लास्टिक के सदुपयोग एवं इसके दुरपयोग को लेकर लोगों को सचेत करने का प्रयास किया है। इस परियोजना में कार्य कर रहे छात्रों का मानना है कि किसी भी समस्या को हल करने का सबसे अच्छा विकल्प ये है कि उस समस्या को जड़ से समझा जाये जिससे उसके हलों को खोजने में आसानी हो एवं समुदाय की सहभागिता द्वारा ही इसे पूर्ण रूप से सम्पन्न किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर अध्यापकों का मानना है कि परियोजना आधारित शिक्षण छात्रों में उन कौशलों को उजागर करने में सहायक होती है जिनका उल्लेख नई शिक्षा नीति में किया गया है।