उदयपुरवाटी, कस्बे के निकटवर्ती अरावली की पहाड़ियों में स्थित शक्तिपीठ मां शाकंभरी के दरबार में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ में बुधवार तक 2 लाख आहुतियां दी जा चुकी हैं। मां शाकंभरी सेवा समिति के तत्वावधान में चल रहे धार्मिक 9 कुंडिय सहस्त्र चंडी महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। हजारों पुरुष व महिलाएं फेरी लगाकर प्रतिदिन भंडारे में प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। योगाचार्य पंडित विक्रम शास्त्री श्रीमाधोपुर ने बताया कि गणपति पूजन के साथ ही बताया गया कि भगवान गणेश ने विश्व देव की पुत्री सिद्धि व बुद्धि से विवाह किया। जो सिद्धि-बुद्धि के देवता कहलाए। गणेश पुराण के अनुसार जीव मात्र में ही समस्त ब्रह्मांड के देवताओं का निवास होता है। तैंतीस कोटी देवताओं में भगवान गणपति का निवास मेरुदंड के मूल में होने से ही श्री गणेश सर्वप्रथम पूज्य हैं। युज्ञ के महत्व पर कहा कि समस्त पृथ्वी पर वायु का प्रभाव ही जीवों की प्राण रक्षा करता है। अतः अग्नि में दी गई आहुतियां वायुमंडल में शुद्धता का संचार करती है। सूक्ष्म अणु के रूप में जीवों के शरीर में प्रवेश कर रोगों को नष्ट करते हुए प्राणी में नई ऊर्जा का संचार प्रदान करते है। चौंसठ योगिनी, भैरव नामावली, दस महाविद्या, महालक्ष्मी, माता सरस्वती, महाकाली व आवाहित देवताओं सहित दो लाख से अधिक आहुतियां बुधवार शाम तक अर्पण की गई है। इस दौरान नीमकाथाना एएसपी गिरधारीलाल शर्मा, अनिल पाटोदिया मुंबई, अंजनी गुप्ता दुबई, पवन परसरामपुरिया अहमदाबाद, शिक्षाविद् मोहन सिंह शेखावत, समिति के अध्यक्ष राजेश धानुका, कोषाध्यक्ष संदीप रामूका, अंजनी धानुका, बनवारीलाल धानुका, रामस्वरूप सैनी, गिरधारीलाल राठी, सतीश मिश्रा छापोली, किशनलाल रामुका, राकेश गोल्याणा सहित सेवा समिति के लोग मौजूद रहे।