दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] निकटवर्ती दानजी का बास गांव में कुछ लोगों ने 35 साल पुराना आवागमन का रास्ता अचानक रोक दिया। पीड़ित ने जब रास्ता खुलवाने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट भी की गई। इस मामले को लेकर पीड़ित पक्ष के साथ अनेक ग्रामीणों ने बुधवार को उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर 35 साल पुराना रास्ता खुलवाने की मांग की हैं। ज्ञापन में बताया गया कि मेई ग्राम पंचायत के दानजी का बास के भूमि खसरा नंबर 347, 348 में आने जाने का एकमात्र रास्ता जो भूमि खसरा नंबर 392, 396 के पश्चिमी दिशा के सहारे उत्तर से दक्षिण में पेमाराम के आवासीय मकानों में जाता हैं। करीब 15 दिन पहले 29 दिसम्बर को पड़ोसी लोगों ने छड़ियां डालकर बंद कर दिया। जब पीड़ित परिवार ने रास्ता खुलवाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उनके साथ मारपीट कर पिस्टल से फायर कर डराने का प्रयास भी किया। घटना की रिपोर्ट भी पुलिस में दर्ज करवाई हैं। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली तो न्यायालय ने तहसीलदार दांतारामगढ़ को मौके की रिपोर्ट पेश करने हेतु आदेश दिया। तहसीलदार ने पटवारी को मौके की वर्तमान भौतिक स्थिति की रिपोर्ट पेश करने हेतु पाबंद किया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पटवारी मेई ने बिना मौके पर जाकर सिर्फ राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रिपोर्ट पेश की हैं जो रिपोर्ट पूर्णतया गलत हैं। ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को बताया कि पीड़ित परिवार के आवागमन का रास्ता नहीं होने से परिवार के लोग दूसरे के खेतों से होकर आवागमन कर रहे हैं लेकिन उनके पशु, पानी का टैंकर एवं अन्य साधनों का आवागमन नहीं होने के कारण परिवार बेहद परेशान हैं। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग उपखंड अधिकारी से की हैं। इधर उपखंड अधिकारी प्रतिभा वर्मा ने जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया हैं।