झुंझुनू, श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़ेवाला विश्वविद्यालय एवं स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में जेजेटी के सभागार में तीन दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम रखा गया जिसका विषय ,स्वामी विवेकानंद प्रणीत व्यक्तित्व विकास, रखा गया। यह कार्यक्रम नई पीढ़ी में भावी विवेकानंद श्रृंखला के तहत शुरू किया गया है जिससे भावी पीढ़ी संस्कारवान ऊर्जावान बनकर समाज एवं राष्ट्र सेवा कर सके इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में रमेश चंद्र इसरानी अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन जयपुर मौजूद रहे जिन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने स्वामी जी के जीवन चरित्र पर कई प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के तौर तरीके अपनाने चाहिए सबसे पहला सुख निरोगी काया माना गया है उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति में अंतर निहित पूर्णता का प्रगतिकरण ही वास्तविक शिक्षा है शिक्षा केवल जानकारियां एकत्रित करना या केवल व्यवसाय के लिए नहीं बल्कि अपनी सर्वांगीण उन्नति के लिए है जो हमारी क्षमताओं को पूर्णताओ की ओर ले जाती है है ,अलवर राजस्थान से आए एक और वक्ता रामावतार शर्मा ने कहा कि सफलता का मूल मंत्र तीन चीजों से हासिल होता है पहला exअपने आप में विश्वास, अपने कर्म में विश्वास, और ईश्वर में विश्वास, जब तक हम विश्वास नहीं रखेंगे तो सफल नहीं होंगे उन्होंने कहा कि किसी कार्य को करना चाहते हैं तो दृढ़ आत्मविश्वास उद्देश्य के प्रति आत्मविश्वास तथा कर्म भी अच्छे करते रहे, ईश्वर में विश्वास के बिना हम कभी सफल नहीं हो सकते उन्होंने स्वामी जी के जीवन चरित्र पर अपने अनुभव बताते हुए स्वस्थ रहने के कई उपाय बताएं, इसी प्रकार कैलाश चंद्र शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक जयपुर द्वारा भी अपने अनुभव साझा किये उन्होंने विवेकानंद जी के व्यक्तित्व को उद्देश्य और संस्कृति के लिए जीने की प्रेरणा देने वाला बताया उन्होंने कहा कि जीवन में देश व समाज को प्रथम स्थान पर रखकर प्रत्येक समाज बंधुओ के प्रति आत्म्यता का भाव रखकर इसकी सेवा करने का कर्तव्य पूरा करे तथा जब तक लक्ष्य प्राप्त हो तब तक रुकना नहीं अपने कार्य पर ईश्वर पर विश्वास रखना ही अपना धर्म है इस विचारधारा के साथ शर्मा ने अपने विचार रखें, पूर्व में सभी अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी एवं मां सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रचलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया धन्यवाद ज्ञापन चीफ एडवाइजर टू चेयरपर्सन आर ए एस राज नारायण शर्मा ने दिया उन्होंने कहा कि संस्कृति को संभालना भी हमारी जिम्मेदारी है नशा छोड़ें जीवन मोड़े जागते रहो और अपना जीवन सवांरे मन को जानलो, दिव्यता जानलो, शक्ति को जान लो, फिर आप कभी जीवन में असफल नहीं हो सकते कार्यक्रम के बीच-बीच में डॉ. खुशवंत त्रिवेदी ने विवेकानंद जी द्वारा प्रकाशित देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी कार्यक्रम का संचालन डॉ.जया रानी पटेल तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ. संजय कुमार योग विभाग प्रभारी ने किया तथा अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया इस अवसर पर इंजीनियर बीके टीबड़े वाला कार्यक्रम संयोजक डॉ. उज्जवल चौधरी डॉ मधु गुप्ता चीफ नोडल अधिकारी मंजरी मिश्रा ,डॉ राम दर्शन फोगाट डॉ. महेश सिंह राजपूत जनसंपर्क अधिकारी डॉ रामनिवास सोनी डा.इकराम कुरैशी डॉ राहुल बुडानिया सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे।