लक्ष्मणगढ़, [बाबूलाल सैनी ] सेवा, परोपकार व उधोग जगत की चर्चा शेखावाटी के मुरली बालाण के बिना अधूरी सी लगती है। मूल रूप से चूरू के रहने वाले बालाण का नाम शेखावाटी ही नहीं देश में सेवा, परोपकार व उधोग जगत में बड़ी सिद्धत के साथ लिया जाता है। करीब तीन दशक पूर्व चूरू के गलियारों से निकल कर मुम्बई पहुंचने वाले बालाण का शुरूआती दौर बड़ा ही संघर्ष और कठिनाइयां में गुजरा ना रहने का ठिकाना था और ना ही खाने पीने का इंतजाम था। लेकिन कहते है ना कि बहता हुआ पानी और उभरती हुई प्रतिभा अपना रास्ता खूद ब खुद तय कर लेती हैं। ठीक उसी तरह बालाण ने भी संघर्ष और कठिनाइयों से घबराने की बजाय कुछ बड़ा करने की सोच के साथ आगे बढ़ने लगे। कभी खूद रोजगार के झूझने वाले बालाण आज सैंकडो लोगों के रोजगार का जरिया बने हुए है। शेखावाटी ही नहीं अपितु मुम्बई में सेवा व परोपकार की मिसाल बने बालाण की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि भायंदर मुंबई में समाज के लिए समाज के प्रबुद्धजनों के सहयोग से भवन खरीदा जो शेखावाटी से जाने वाले व वहां के नागरिकों के लिए अस्थाई आवास व गेस्ट हाउस के रूप में उपयोग में लिया जाता है तथा सैनी युवा प्रतिष्ठान का गठन कर मुम्बई सैनी समाज की प्रतिभाओं को निखारने व आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं ।
उद्योग व व्यापार जगत में स्थापित होने से पहले बालाण 1993 में मुम्बई की ओर कदम बढ़ाया तथा शुरूआती एक दशक तक स्वयं को स्थापित करने के लिए कई तरह के झंझावातों से जुझते रहे तथा सन् 2003 में एक पुरानी कंपनी जो बंद होने की कगार पर थी उसको खरीदने की रिस्क ली तथा अपनी जमा पूंजी, गाड़ी आदि बेचकर 13 लाख रुपए में उस कंपनी को खरीद कर व्यापार व उधोग जगत की ओर कदम रखते हुए धीरे-धीरे व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए मुम्बई के ही नहीं देश विदेश के उधोग जगत में मुरली बालाण का नाम बड़ी सिद्धत के साथ लिया जाने लगा है। उधोगपति भामाशाह समाजसेवी मुरली बालाण ने कंपनी खरीद कर उसे शुरू करने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा तथा प्रगति व विकास की ओर कदम बढ़ाते गये । कभी रोजगार के लिए भटकने वाला युवा आज युवाओं के प्रेरणास्रोत बने हुए तथा सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रहे है। अंतरराष्ट्रीय उधोग जगत में कोणार्क पोलिमर प्राइवेट लिमिटेड का बड़ा नाम है तथा उधोग जगत में वायर एवं केबल की इंडस्ट्रीज को पीवीसी कंपाउंड्स की आपूर्ति के लिए जानी जाती हैं। तथा सिलवासा व भरूच में दो फैक्ट्री स्थापित कर प्रोडक्शन कर आपूर्ति की जाती है। समाज के लिए सहज उपलब्ध रहने वाले बालाण हंसमुख स्वभाव व प्रतिभा के धनी हैं आपने सामाजिक क्षेत्र में अनेकों ऐसे कार्य किए हैं जिनकी फेहरिस्त काफी लंबी चौड़ी है। गरीब व जरूरतमंद के लिए हमेशा आगे रहने वाले बालाण सेवा, परोपकार व उधोग जगत में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। समाजसेवी भामाशाह उधोगपति बालाण का मानना है कि जीवन में सभी सक्षम लोगो को कम से कम दो- दो और लोगो की लीडरशिप विकसित करनी चाहिए । उनका कहना है कि अपने लिए तो हर कोई जीता है परंतु ईश्वर ने हमें मोका दिया है परिवार, समाज और देश के विकास में अपना सकारात्मक सहयोग करना चाहिए। तथा कर भला हो भला कहावत को चरितार्थ करे ! उनका कहना है कि कभी भी कोई भी व्यक्ति सफल व्यक्तित्व व लोगो से प्रेरणा लेकर सकारात्मक सोच को जीवन में आत्मसात करें ना की कॉपी पेस्ट करे ! समाजसेवी भामाशाह उधोगपति बालाण ने मानना है कि सामाजिक, लोकहित व व्यवसायी उत्थान, प्रगति व विकास में सभी पांचों भाईयों का साथ,माता पिता का आशीर्वाद, धर्मपत्नी राधा बालाण की प्रेरणा व दोनों बेटों व बहूं का अपार सहयोग रहा है।