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महिलाओं के सम्मान में न्याय के लिए तिरंगा हाथों में लेकर हिंद की बेटियां उतरी सड़कों पर

सूरजगढ़, देश में महिलाओं पर तेजी से बढ़ रहे अत्याचार को रोकने व दुष्कर्म, गैंगरेप और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले दरिंदों को शीघ्रता से फांसी पर लटकाने की आवाज को बुलंद करते हुए महिलाओं के सम्मान में न्याय के लिए काजड़ा सरपंच मंजु तंवर के नेतृत्व में हिंद की बेटियों ने हाथों में तिरंगा लेकर इंदिरा गांधी सार्वजनिक पार्क काजड़ा से लेकर उपखंड मुख्यालय सूरजगढ़ तक पैदल मार्च किया। ‘हिंद की बेटियों को न्याय दो’ व ‘महिलाओं के सम्मान में हम सब मैदान में’ और इंकलाब-जिंदाबाद आदि नारों के साथ महिलाओं ने लगभग सात किलोमीटर पैदल तिरंगा यात्रा निकाली और उपखंड मुख्यालय पर पहुंचकर तहसीलदार चंद्रशेखर यादव को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को शीघ्रता से फांसी पर लटकाने की मांग उठाई है। महिलाओं ने कोलकाता में महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद नृशंस हत्या करने वाले दरिंदों को शीघ्रता से फांसी देने की मांग की है। देहरादून में बस स्टैंड पर नाबालिग़ लड़की के साथ गैंगरेप करने वाले दुष्कर्मियों और कई राज्यों में बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं का अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से फांसी देने की मांग की है। सरपंच मंजू तंवर ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा- वर्तमान परिदृश्य में सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जोर-जोर से बुलंद किया जा रहा है। जबकि हकीकत में बेटियां किसी भी प्रांत में सुरक्षित नहीं हैं। देश में नाबालिग़ लड़कियों के साथ यौन शोषण, उत्पीड़न, दुष्कर्म, गैंगरेप व हत्या जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। स्कूल-कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, घर-खेत-गांव-शहर, ट्रेनिंग सेंटर, हॉस्पिटल, ऑफिस, रेल-बस सफर में व सड़क पर बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। यहां तक की मां की कोख में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के साथ हैवानियत, बलात्कार, हत्या और हिंसा की घटनाएं दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही हैं, जो हमारे लिए गहन चिंता का विषय है‌। कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी और बलात्कार के बाद हत्या की घटना दिल दहला देने वाली वीभत्स घटनाओं में से एक है। ऐसी घटनाएं देश के हर राज्य में घटित हो रही हैं। समय बदला है लेकिन महिलाओं के प्रति लोगों की सोच नहीं बदली है; कानून बदले हैं मगर हालात नहीं बदले हैं। वैसे तो हम अपने देश की संस्कृति व सभ्यता पर नाज करते हैं, लेकिन महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और नाबालिग़ लड़कियों के साथ हो रही यौन शोषण की घटनाओं को जानने के बाद समझ में आता है कि हमारे पास घमंड करने जैसा कुछ नहीं है। हम पढ़े-लिखे होकर सभ्य और विकसित होने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत में कई मौकों पर हम जंगली जानवरों से भी बदतर हैं। कोलकाता में महिला डॉक्टर के हत्याकांड के बाद भी देश के विभिन्न प्रांतो से महिलाओं व नाबालिग़ लड़कियों के साथ सैकड़ो बलात्कार और हत्या की घटनाएं घटित हुई हैं। हम चाहे जितनी महिलाओं के सम्मान की बातें करें लेकिन हकीकत में हमारे देश में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की घटनाएं चिंताजनक रूप से उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। हिंद की बेटियों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर सरकार से मांग की है कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को हर हाल में रोका जाये। यौन उत्पीड़न, रेप, गैंगरेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल अपराधियों को त्वरित कार्रवाई करते हुए फांसी पर लटकाया जाये। जब तक वहशी दरिंदों को फांसी पर नहीं लटकाया जायेगा, देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं रह पायेंगी। देशभर में एक घंटे में पांच महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। छेड़खानी की घटनाएं तो अनगिनत हैं। कानून में संशोधन के बावजूद भी हमारे देश में एक दिन में सैंकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार होता है। महीने भर में हजारों और एक साल में लाखों नाबालिग़ लड़की व महिलाएं बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं की शिकार हो रही हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून में संशोधन कर कठोर कानून बनाकर अपराधियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर तीन महीने में फांसी की सजा सुनाये जाने के साथ 6 महीने में अपराधी को फांसी के फंदे पर लटकाने का प्रावधान होना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई सख्त एक्शन नहीं लिया तो महिलाओं के सम्मान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए देशभर में महिला सुरक्षा अभियान चलाया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में सरपंच मंजू तंवर, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत सिंह तंवर, होशियार सिंह सिंगाठिया, अशोक कुमावत, महेंद्र देवी, सुशीला देवी, नेहा स्वामी, पूनम कुमावत, एडवोकेट संजू तंवर, पूनम शेखावत, चंदा शेखावत, माया कुमावत, सुमन मेघवाल, अंकिता कुमावत, अंजलि शर्मा, दीपिका शर्मा, अंजलि शेखावत, रोमा कुमावत, अंजू गांधी, पिंकी गांधी, पारुल शर्मा, कविता सैन, सुरेंद्र धतरवाल, पुनीत जांगिड़ आदि अन्य लोग मौजूद रहे।

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