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मुख्यमंत्री के आदेश से जिला प्रशासन आया एक्शन मोड़ में
सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ अध्यक्ष एवम जिला कलेक्टर झुंझुनूं के पास 14 दिसम्बर 2022 से दर्ज था प्रकरण
सामाजिक कार्यकर्ता एवम भाजपा नेता सुभाष कश्यप ने जिला कलेक्टर को दर्ज करवाया था प्रकरण
जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही को गति दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दो बार भेंट कर सुभाष कश्यप ने अतिक्रमण मुक्त कार्यवाही बाबत किया था आग्रह
20 फरवरी को कश्यप ने मुख्यमंत्री को पुनः स्मरण पत्र देकर कार्यवाही का किया था आग्रह
21 फरवरी को जिला कलेक्टर झुंझुनूं ने केड ग्राम पंचायत के राजस्व गाँव खटकड़, कीरपुरा, केड व नंगली निर्बाण में प्रशासन को भेज कर सर्वे करवाना आरम्भ किया
अतिक्रमण मुक्त होने के पश्चात चारागाह भूमि को वन्य जीव एवम गौ अभ्यारण्य बनाने की है माँग
झुंझुनूं, झुंझुनूं जिले की गुढ़ागौड़जी तहसील अंतर्गत केड पटवार मण्डल अंतर्गत राजस्व ग्राम खटकड़ की चारागाह भूमि खसरा संख्या 1166, 1173, 1176,1183, 1184, 1187, 1190,1199,1207/179 व 676, राजस्व ग्राम नंगली निर्बाण की चारागाह भूमि खसरा संख्या 1228, 1229, 1231, 1238, 1239,1242,1245,1295,1305,1361,1441 राजस्व ग्राम कीरपुरा की चारागाह भूमि खसरा संख्या 562, 568, 569 एवम राजस्व ग्राम केड की चारागाह भूमि खसरा संख्या 550/15 एवम 9 इत्यादि का सर्वे कर अतिक्रमण को चिन्हित करने की कार्यवाही 21 फरवरी शुक्रवार से आरम्भ की गई ।
सामाजिक कार्यकर्ता एवम भाजपा नेता सुभाष कश्यप ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने दिनांक 30 जनवरी 2019 को जन हित याचिका संख्या 10819/2018 जगदीश प्रसाद मीणा राजस्थान एवम अन्य में निर्णय पारित कर सार्वजनिक भूमि संरक्षण हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ गठित कर प्राप्त प्रकरणों में अविलम्ब अतिक्रमण मुक्त करवाने का आदेश दिया है । उक्त निर्णय के आधार पर कश्यप ने अध्यक्ष सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ झुंझुनूं के अध्यक्ष एवम जिला कलेक्टर को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर केड, खटकड़, कीरपुरा व नंगली निर्बाण की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाकर उक्त भूमि पर वन्य जीव जंतुओं के संरक्षण हेतु गौ अभ्यारण बनाने की मांग की थी । सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही अमल में न लाने से क्षुब्ध हो कर कश्यप ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से 21 नवम्बर 2024 को कार्यवाही करने का आग्रह किया था, मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 25 नवम्बर को अपने आदेश क्रमांक मु.म.-उ स(एमके)/कले.झुन./झुन/24/73165 भेज कर झुंझुनूं जिला कलेक्टर को कार्यवाही का निर्देश दिया था । उक्त आदेश पर शिथिलता के चलते कश्यप ने गुरुवार 20 फ़रवरी को पुनः मुख्यमंत्री से भेंट कर कार्यवाही का आग्रह किया था, सवेंदनशील मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत एक्शन लेते हुए जिला कलेक्टर को कार्यवाही का निर्देश दिया । जिसकी पालना में शुक्रवार को स्थानीय पटवारी, गिरदावर आदि चारागाह भूमि में अतिक्रमणों को चिन्हित कर रहे है ।
सामाजिक कार्यकर्ता कश्यप ने अपने पत्र में सरकार को बताया कि एक हजार बीघा से अधिक चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण पशु पक्षियों का आश्रय स्थल छीन गया है, नीलगाय, खरगोश, शियार, जंगली बिल्ली, तीतर, मोर, गौरया, बेसहारा गौवंश, नन्दी, बेसहारा पशु पक्षियों एवम पालतू भेड़, बकरी, ऊँट इत्यादि के लिए उक्त चारागाह भूमि के साथ साथ नदी पेटा एवम राजकीय बंजड भूमि पर अतिक्रमण हो जाने से इन जीव जंतुओं के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है तथा वानिकी एवम पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बिगड़ गया है, असंख्य पशु पक्षियों के लिए भोजन व पानी का संकट खड़ा हो गया है वही पास ही में स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में रह रहे एक हजार से अधिक बेसहारा गौवंश के लिए भी भूमि नही रही है । कश्यप ने उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा कर जीव जंतुओं हेतु अभ्यारण बनाने की मांग की है ।