सरकारी कार्यालयों में काम काज होंगे बाधित
झुन्झुनूं, आईटी कर्मचारियों ने शुक्रवार को जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी को मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया गया। राजस्थान राज्य अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ, झुंझुनूं के महासचिव वेद प्रकाश नूनिया ने बताया कि आईटी कर्मचारी सदैव से ही राजस्थान सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओ को धरातल पर लाने में अपना पूर्ण योगदान देते हूए आये है, जिसके फलस्वरूप समय-समय पर आईटी के क्षेत्र में अवार्डस मिलते रहे है। मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते भी अब तक आईटी कार्मिकों ने सरकारी कार्यालयों में लगभग कार्य संभाल रखा था, लेकिन अब 24 अप्रेल से आईटी कार्मिक भी सामूहिक अवकाश पर जा रहें है जिससे सरकारी कार्यालयों में हो रहे ऑनलाइन व ऑफलाइन कार्य भी पूर्णतया प्रभावित होंगे। राजस्थान अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ झुन्झुनूं ब्लाक के अध्यक्ष दीपक बाबल ने बताया कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री स्तर तक हुई वार्ता में संघ को केवल आश्वासन ही प्राप्त हुआ है, परन्तु मांगो के निस्तारण हेतु कोई ठोस कदम नही उठाया गया, जिसके कारण मजबूर होकर सामूहिक अवकाश पर जाने का कदम उठाने हेतु संघ बाध्य हुआ है। 11 सूत्री मांगों का निस्तारण नहीं होंने पर 24 अप्रेल से राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित किये जाने वाले महंगाई राहत कैंम्प/प्रशासन गावों/शहरों के संग का बहिष्कार कर आईटी कार्मिक सामुहिक अवकाश पर जा रहे हैं। इस हेतु सूचना प्रोद्यौगिकी के संयुक्त निदेशक घनश्याम गोयल एवं एसीपी रघुवीर झाझड़िया तथा ब्लॉक स्तर पर सभी उपखण्ड अधिकारियों को शुक्रवार को ज्ञापन दिया गया है। इस अवसर पर बडी संख्या में आईटी कार्मिक उपस्थित थे।
राजस्थान अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ झुन्झुनूं के मिडिया प्रभारी ऋषि कान्त ने बताया की संघ की 11 सूत्रीय मांग पत्र यथा वेतन विसंगति दूर कर सहायक प्रोग्रामर की ग्रेड-पे 4200 (लेवल-11) एवं सूचना सहायकों की ग्रेड-पे 3600 (लेवल-10) करवाना, नाम परिवर्तन, शैक्षणिक योग्यता में बदलाव, एसीपी एवं प्रोग्रामर के पदों में विभागीय आरक्षण, हार्ड ड्यूटी अलाउंस, सी.सी.एल./डे ऑफ, पंचायतीराज, गृहविभाग, शिक्षा विभाग, सचिवालय, स्वायत्त शासन विभाग, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं लोक निर्माण जैसे बडे विभागो में ब्लॉक स्तर तक आईटी के नवीन पदों का सृजन एवं प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर, सूचना सहायक के पदो का अनुपात 1: 2: 3 करना जैसी मुख्य मांगें हैं।