चूरू, राज्य में 16 से 18 जून तक सम्भावित बिफरजॉय चक्रवाती तूफान के मध्यनजर पशुपालन विभाग की ओर से सभी कार्मिकों के अवकाश रद्द कर मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं। संयुक्त निदेशक मेवाराम ने आदेश जारी कर पशुपालन विभाग कार्यालय के समस्त अधीनस्थ अधिकारी, कार्मिकों को अपने मुख्यालय पर रहकर सम्भावित अतिवृष्टि, बाढ़ से प्रभावित पशुओं के उचित उपचार एवं टीकाकरण, बचाव व रेस्क्यू सहित पशुपालकों के उचित मार्गदर्शन का कार्य सम्पादित करने के लिए कहा है। इस दौरान उन्होंने बिफरजॉय चक्रवाती तूफान के मध्यनजर सम्भावित अतिवृष्टि, बाढ़ की आशंका के कारण समस्त स्टाफ का अवकाश रद्द कर दिया है तथा समस्त कार्मिकों को बिना अनुमति के अपना मुख्यालय नहीं छोडऩे एवं पशुपालकों, गौशाला संचालकों द्वारा दी गई किसी भी प्रकार की सूचना पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने बताया कि 16 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले प्रस्तावित लम्पी प्रभावित पशुपालक लाभार्थी उत्सव में जिन अधिकारियों-कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है, वे कार्मिक नियमानुसार अपने दायित्वों का निर्वहन कर लाभार्थी उत्सव के कार्यक्रम में सहयोग करेंगे। उन्हें मुख्यालय परित्याग की छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि जिला संयुक्त निदेशक कार्यालय में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष में पशु चिकित्सा अधिकारी, भामासी डॉ. इम्तियाज को प्रभारी एवं योगेश कुमार को सहायक प्रभारी बनाया गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर 01562-294237 है।
संयुक्त निदेशक ने सभी गौशाला अध्यक्षों को बिफरजॉय चक्रवाती तूफान के मध्यनजर गौशालाओं में संधारित गौवंश की उचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिए हैं। जारी आदेश के अनुसार कहा गया है कि गौशालाओं में संधारित गौवंश को सुरक्षित स्थान पर रखा जाए एवं किसी भी अवस्था में खुला नहीं छोड़ा जाये। पहले से ही चारे व पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि टिनशैड, चारा भण्डार गृह तथा अन्य सरंचनायें, जिनसे जनहानि, पशु हानि हो सकती है उनकी पहले ही उचित देखभाल सुनिश्चित की जाये। अतिवृष्टि, बाढ़ की आशंका के मध्यनजर समस्त श्रमिकों को गौशाला में तैनात रखा जाए। किसी भी प्रकार का नुकसान व आपदा होने पर पशुपालन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 01562-294237 एवं जिला प्रशासन को तुरन्त सूचित किया जाये। गौशाला संचालक अतिवृष्टि, बाढ की आशंका के मध्यनजर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें।