स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्यो तथा दस्तावेजो का करेंगे निरीक्षण
झुंझुनू, स्थायी एवं अनवरत लोक अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र केके गुप्ता आगामी 10 जुलाई सोमवार तक निकाय झुंझुनू और मण्डावा के दौरे पर रहेंगे। न्याय मित्र गुप्ता ने आयुक्त नगर परिषद झुंझुनू और अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका मण्डावा का पत्र लिखते हुए निर्देशित किया है कि उनके द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर कचरा नियमित संग्रहण कार्य, 60 प्रतिशत घरो से कचरा उठाया जाना, जगह-जगह कचरों के ढेर है, उसमे काफी सुधार हुआ, कही-कही कुछ गन्दगी है, जगह-जगह नालियाँ एवं सडक़ो का मरम्मत कार्य, सडको पर घूम रहे आवारा जानवरों को गौशाला में छोडऩे का कार्य, कचरा यार्ड की सफाई का कार्य, वर्षा ऋतु नजदीक है, पुराने बावड़ी,कुएं, तालाबों की सफाई का कार्य, वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देते हुए 12 फीट के वृक्ष शहर में कम से कम 5 हजार वृक्ष लगाये जाने का कार्य, सडक़ों पर घूम रहे लावारिस पशुओ को गौशाला में छुड़वाने का कार्य, सर्किट हाउस, कलेक्ट्री, नगर परिषद् की दीवारो पर बनी स्वच्छता की पेंटिंग को पुन: करवाए जाने, सडको पर पड़े पत्थर, मिट्टी, गिट्टी को तत्काल हटवाया जाने तथा वार्डो में साईडो मंक लगी झाडियों की सफाई करवाये जाने का कार्य, डिवाईडरो में लगी घास/हरियाली को व्यवस्थित करवाये जाने का कार्य, हर दुकान पर कचरा पात्र होना निश्चित कार्य, शहर में खाली पड़े प्लोटो की सफाई करवाये उन पर निर्माण करने के लिए बाध्य करे अन्यथा उचित पेनाल्टी व सीज करने की कार्यवाही का कार्य, सार्वजनिक टोयलेटो की दिन में चार बार सफाई एवं उन पर सार्वजनिक शौचालय एवं मूत्रालय लिखवाये जाने का कार्य, सरकारी एवं गैर सरकारी दीवारों पर लगे विज्ञापनों को हटवाकर उन पर उचित कार्यवाही सम्पादित करने का कार्य, कचरे में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाये जाने का कार्य तथा लारी एवं दूकानदार द्वारा फेला रहे कचरे पर दण्डनात्मक कार्यवाही करने सहित इस सन्दर्भ में उचित दस्तावेज का भी निरीक्षण किया जायेगा।
न्याय मित्र गुप्ता ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि वर्तमान मे वर्षा ऋतु चल रही है। जहां – जहां पानी भरा होता है वहां – वहां पानी की निकासी के पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। आमजन को कोई तकलीफ ना आए इस ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा वर्षा ऋतु के अंदर 100 प्रतिशत घरों से कचरा उठाना अनिवार्य है। अगर इसमें लापरवाही की गई तो किसी भी सूरत में बर्दाश्त योग्य नहीं होगा।