राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की पहल ‘‘राजस्थान मिशन- 2030‘‘ को लेकर जिला परिषद स्तरीय गहन परामर्श एवं मंथन कार्यशाला आयोजित,
जिला उपप्रमुख महेन्द्र न्यौल, पूर्व प्रधान रणजीत सातड़ा सहित जनप्रतिधियों, सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्यों ने गहन परामर्श कर दिए सुझाव
चूरू, राजस्थान मिशन- 2030 के जिला प्रभारी जलग्रहण संयुक्त निदेशक राजेन्द्र प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरगामी सोच ‘‘प्रगति की गति 10 गुना‘‘ के साथ वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सभी का भागीदारी अहम है। राज्य सरकार ने राज्य की आमजन को सहूलियत देने के सोच के साथ राजस्थान मिशन-2030 की परिकल्पना की है। राजस्थान मिशन-2030 के लिए आमजन, सोसायटी, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीण विकास के मुद्दों पर सुझाव महत्वपूर्ण है।
संयुक्त निदेशक राजेन्द्र प्रसाद शनिवार को जिला कलक्ट्रेट परिसर स्थित जिला परिषद सभागार में राजस्थान मिशन-2030 को लेकर आयोजित जिला परिषद स्तरीय गहन परामर्श एवं मंथन कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक विचार और सुझाव बहुत बड़ा बदलाव कर सकता है। इसलिए हमें स्वयं के विजन को राज्य सरकार के माध्यम से साकार करना है। जनप्रतिनिधियों का आमजन से जुड़ाव अधिक होता है और वे सामाजिक सुदृढ़ीकरण एवं विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला उप प्रमुख महेन्द्र न्यौल ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 को लेकर मिलने वाले सुझाव ग्रामीण विकास और पंचायतीराज के सशक्तिकरण के लिए उपयोगी साबित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं से भी इस पहल में शुरूआत करनी होगी। आज अंचल के गांव शहरी विकास की तर्ज पर विकसित हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण अंचल के नागरिकों के सुझाव से ग्राम स्वराज की अवधारणा साकार हो सकेगी। शक्तियों का विकेन्द्रीकरण होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी विकास की तरह सुविधाओं का विकास होगा।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान रणजीत सातड़ा ने सुझाव व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्रामीण विकास के त्रिस्तरीय ढ़ांचे और तकनीकि विकास की आधारशिला रखी थी। इस ढ़ांचे के समुचित प्रबंधन को बढ़ावा मिले। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के दौरान रही कमियों को दूर किया जाए जिससे वंचित जनसंख्या को भी तकनीकि रूप से आने वाली समस्याओं का समाधान हो सके। साथ ही सुझावों को अमल में लाया जाकर प्रत्येक जनकल्याणकारी गतिविधियों में जनप्रतिनिधियों का सहयोग एवं भूमिका सुनिश्चित की जाए। सरकारी कार्यालयों के रख-रखाव के लिए अतिरिक्त ध्यान देना होगा ताकि सरकारी मशीनरी सुचारू रूप से कार्य कर पाए एवं उनके काम में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।
जिला परिषद अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम चौहान ने कहा कि राज्य का प्रशासनिक और सामाजिक तंत्र जनता, जनप्रतिनिधियों और कार्मिकों के समन्वय से चलता है। हम आजादी की प्राप्ति से लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना और प्रगति की ओर अग्रसर हैं। राजस्थान सरकार और हमारा प्रयास है कि हम वर्ष 2030 के परिदृश्य में रखकर पंचायतीराज की व्यवस्थाओं को लेकर मंथन करें।
उन्होंने कहा कि पंचायतीराज की त्रिस्तरीय व्यवस्था में प्रत्येक स्तर पर जनप्रतिनिधि जुड़े हैं। जनप्रतिनिधियों और जनता के सुझावों को अमल में लाकर हम वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की सोच को साकार करने में सफल होंगे। एसीईओ चौहान ने कार्यक्रम की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य राजकुमार सिहाग, गोपालपुरा सरपंच सविता राठी, रतनसरा सरपंच विक्रमपाल, देवीलाल, बुकनसर बड़ा सरपंच श्रवण कुमार शर्मा, बरजांगसर सरपंच नवाब अली, राघा बड़ी सरपंच रामनिवास, विकास कुल्हरि, फिनिश सोसायटी के कुन्दन सिंह, राजीविका बीपीएम शिवानी भटनागर एवं कृषि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सीएलएफ व वाटरशेड विभाग के प्रतिनिधियों ने ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा देने, कृषकों के सहायतार्थ ग्राम पंचायत स्तर पर किसान केन्द्र खोले जाने, वेस्ट प्रबंधन, आर्थिक एवं वितीय स्त्रोतों की मजबूती, शिक्षा मानदंडों के आधार पर प्रतिनिधित्व, घूमन्तू एवं निम्न श्रेणी के नागरिकों के सर्वांगीण विकास, कर्मचारियों के नियमित प्रशिक्षण सहित अन्य महत्वपूर्ण विकासात्मक सुझाव दिए।
इस मौके सुरेश ने पीपीटी और वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से राजस्थान मिशन-2030 की जानकारी दी। इस दौरान पूर्व जिला परिषद सदस्य मोहनलाल आर्य, राजीविका डीपीएम दुर्गा ढ़ाका, एसीएमएचओ डॉ अहसान गौरी, कृषि विभाग सहायक निदेशक कुलदीप शर्मा, एपीआरओ मनीष कुमार, सीडीपीओ सीमा गहलोत, सहायक सांख्यिकी अधिकारी विक्रम गुर्जर, एक्सईएन महेन्द्र कुमार, जगदीश प्रसाद, किशन सिंह, सहायक विकास अधिकारी प्रेम सिंह चौहान, मनोज कुमार मीणा, पार्षद रूचिर शर्मा, नेहरू युवा केन्द्र के नीरज जांगिड़, नोरंगपुरा सरपंच उर्मिला, कड़वासर सरपंच सुरेन्द्र प्रजापत, भुवाड़ी सरपंच शीशराम पूनियां,सुरेन्द्र सिंह, अबरार अहमद, ठाकुरमल कताला, घनश्याम भाटी, प्रमोद कुमार जांगिड़, पूर्व जिला परिषद सदस्य उमाशंकर शर्मा सहित सरपंच एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।