डीजे देवेंद्र दीक्षित और उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष मनोज मील की बैंच ने किए 313 प्रकरण निस्तारित
91 लाख 61 हजार 787 रुपए के अवार्ड पारित
झुंझुनूं, जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेंद्र दीक्षित एवं उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मनोज मील की बैंच द्वारा शनिवार को जिला उपभोक्ता आयोग में स्थाई लोक अदालत एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों पर सुनवाई की गई। जिनमें 313 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। यह शनिवार को प्रदेश भर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों में निस्तारित प्रकरणों की संख्या के हिसाब से प्रदेश में सर्वाधिक रही।
लोक अदालत में उपभोक्ताओं से संबधित 91 लाख 61 हजार 787 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। जिसमें 51 लाख 18 हजार 840 रुपए के विभिन्न प्रकरणों में जहां उपभोक्ताओं को राहत दिलाई गई, वहीं 40 लाख 42 हजार 947 रुपए के चैक उपभोक्ताओं को डीजे देवेंद्र दीक्षित और उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष मनोज मील ने सौंपे। लोक अदालत में बीमा, बैंक, एवीवीएनएल, कोचिंग, नगर परिषद और जलदाय विभाग आदि के प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
बेटे की मौत के बाद बीमा कंपनी ने मुआवजे से किया था इनकार, लोक अदालत में 15 लाख का चैक मिलने पर भावुक हुए माता-पिता:
लोक अदालत में कुछ ऐसे प्रकरण भी आए, जिनमें परिवादी समेत मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। दरअसल कुमावास पुनियां के रहने वाले श्रीचंद निर्वाण व उनकी पत्नी मीरा के पुत्र की 23 सितंबर 2021 को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद बीमा कंपनी से क्लेम मांगा गया। लेकिन बीमा कंपनी द्वारा इनकार कर दिया गया। जिसके बाद 15 दिसंबर 2021 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दर्ज करवाया गया। लोक अदालत की भावना से दोनों पक्षों में समझाईश कर बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी से परिवादी माता-पिता को 15 लाख रुपए का चैक दिलावाया गया। इस मौके पर श्रीचंद व उनकी पत्नी मीरा की आंखे भर आईं। जिस पर मौजूद सभी लोग भावुक हो गए।
24 घंटे में मिला पट्टा:
लोक अदालत में कुछ ऐसे प्रकरण भी सामने आए, जिनमें प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के महज 24 घंटे के भीतर ही आवासीय पट्टे जारी किए गए। नगर परिषद झुंझुनूं क्षेत्र के 1 परिवादी और नगर पालिका पिलानी के एक परिवादी को शनिवार को उपभोक्ता आयोग में आवासीय पट्टा सुपुर्द किया गया।