किसी भी राष्ट्र का निर्माण जन ,ज़मीन एवं संस्कृति से ही होता हैं । एक निश्चित भूभाग पर रहने वाला ,उसी भूमि पर जाया जन्मा जन समूह ही अपने लोक व्यवहार से कालांतर में एक संस्कृति को जन्म देता हैं। वह संस्कृति ही उस जन समूह की सामूहिक पहचान बन जाती हैं यही राष्ट्रीयता कहलाती हैं। यह संस्कृति ही भूमि एवं अन्य संसाधनों के प्रति जन का दृष्टिकोण विकसित करती हैं । यदि निश्चित भू भाग पर उस संस्कृति के अनुरूप जीवन व्यवहार करने वाला जन ही नहीं रहेगा तो राष्ट्र कैसे बचेगा। यदि राष्ट्र में एसे जनों की संख्या बढ़ जाएगी जो उन सांस्कृतिक मूल्यों को नहीं मानेगी जिन पर राष्ट्र का अस्तित्व टिका हो तो क्या राष्ट्र बचेगा। राष्ट्र के अस्तित्व को मिटाने के लिये ही ,जनसंख्या असन्तुलन के माध्यम से एक शांत युद्ध लड़ा जा रहा है जिससे हम सभी अपरिचित हैं। जिसका विकराल रूप आज हमें आसाम में देखने को मिल रहा हैं । उक्त विचार विश्व हिंदू परिषद् जिला मन्त्री सी एम भार्गव ने राममंदिर खेतड़ी मोड़ नीमकाथाना में विहिप प्रखण्ड बैठक में प्रकट किये। बैठक प्रान्त मठ मंदिर सह प्रमुख रामानंद पाठक के सान्निध्य में आयोजित हुई। बैठक में प्रखण्ड कार्यकारिणी की घोषणा भी की गई। अध्यक्ष योगेश शर्मा, मन्त्री नरेश भटनागर, उपाध्यक्ष संदीप टेलर, सह संयोजक प्रदीप टेलर व पंकज मीणा, मठ मन्दिर प्रमुख सत्यनारायण, सेवा प्रमुख हरिनेन्द्र जोशी, सुरक्षा प्रमुख नरपतसिंह, गोरक्षाप्रमुख पंकज शर्मा को मनोनीत किया गया।