झुंझुनू, धर्म समाज महाविद्यालय ,अलीगढ़ एवं श्री जेजेटी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय ‘ नेशनल कांफ्रेंस ‘ का आयोजन किया गया । इस कांफ्रेंस का विषय ‘ क्लाइमेट चेंज : इफेक्टिव एंड इनोवेटिव सॉल्यूशंस फॉर अचिविंग नेट जीरो ‘ था । यह कांफ्रेंस हाइब्रिड मोड (ऑन लाइन और ऑफ लाइन)में तीन सत्रों में सम्पन्न हुआ । कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि प्रो. कयूम हसन( कुलपति, क्लस्टर यूनिवर्सिटी ,श्रीनगर) तथा सम्मानित अतिथि के रुप में श्री एन.के. सिंह (डी.आई.जी.,सीआरपीएफ रिक्रूटमेंट, नई दिल्ली) , प्रो बलबीर सिंह बुटोला, डा मधु गुप्ता, डॉ रक्षपाल सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के आगे दीप प्रज्वलित कर किया गया इस अवसर पर उक्त नेशनल कांफ्रेंस पर आधारित ‘ सारांश पुस्तिका’ का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।स्वागत उद्बोधन प्राचार्य प्रो मुकेश कुमार भारद्वाज ने महाविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महाविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अनवरत प्रयासरत है। कान्फ्रेंस की संयोजक प्रो अंजुल सिंह ने कांफ्रेंस के विषय एवं उसके उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक विभीषिका से बचाव हेतु हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।सम्मानित अतिथि श्री एन.के. सिंह ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया।
मुख्य अतिथि प्रो कयूम हसन ने अपने संबोधन में बताया कि जितनी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन मानव जीवन द्वारा किया जाता है उसका सकारात्मक निपटान भी उसी स्तर पर कर ले जाना ही नेट जीरो है । यह तभी संभव है जब ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रण में रखा जाय, अधिक से अधिक वृक्षारोपण तथा वनसंरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है, नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों जैसे सौर ऊर्जा, जल विद्युत, वायु ऊर्जा आदि को निरन्तर बढ़ावा देने की आवश्यकता है। प्रो बलबीर सिंह पुटोला ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के प्रति विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को संवेदनशील तथा जागरूक होना चाहिए । उन्होंने कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिए गए सतत विकास के सत्रह लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए जिससे जलवायु परिवर्तन एवं अन्य पर्यावरणीय समस्याओं से छुटकारा मिल सके। उद्घाटन सत्र के अन्त में प्रो मधु गुप्ता ने उपस्थित सभी सम्मानित अतिथियों, प्रतिभागियों तथा विद्यार्थियों के प्रति धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। इस नेशनल कांफ्रेंस में डा रुचि अग्रवाल, रितु अग्रवाल , असगर अली, जितेन्द्र सिंह,डा मुदित शर्मा, डा ज्योति खंडेलवाल, डा सोनम वार्ष्णेय , धर्मवीर आदि सहित ऑन लाइन तथा ऑफ लाइन लगभग 160 प्रतिभागियों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। कांफ्रेंस में प्रो विनय कुमार श्रीवास्तव ,प्रो कमल सिंह यादव प्रो अवनीश सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कांफ्रेंस का अन्तिम सत्र मुख्य अतिथि प्रो एस. के.सिंह (पूर्व कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल), विशिष्ट अतिथि प्रो रक्षपाल सिंह तथा कांफ्रेंस के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल (प्रबंध समिति सचिव) की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि प्रो एस. के. सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के संकट से उबरने हेतु ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के साथ ही ओजोन परत के संरक्षण तथा वृक्षारोपण , उद्योगों के संतुलित विकास सहित पर्यावरणीय हितों के अनुकूल नवीन ऊर्जा संसाधनों की खोज की जरूरत है। ग्लोबल वार्मिंग समस्या से निजात पाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन तथा क्लोरो फ्लोरो कार्बन आदि गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना। हमें अपनी भौतिकतावादी जीवन शैली को संयमित करते हुए प्राकृतिक संसाधनों के अनुकूल जीवनयापन पर ध्यान देना होगा तभी हम सभी नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल कर सकेगें।
प्रो रक्षपाल सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि जलवायु परिवर्तन के सन्दर्भ में ‘ नेट जीरो’ की अवधारणा अत्यन्त महत्वपूर्ण है, हमें अपने विकास कार्यों को इसके अनुकूल ही बढ़ाना होगा। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सचिव श्री राजीव अग्रवाल ने कहा कि आज के कांफ्रेंस का विषय हमारे जीवन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है अन्त में प्राचार्य प्रो मुकेश कुमार भारद्वाज ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन डा अजय कुमार, डा नीलम श्रीवास्तव तथा डा पूजा सिंह ने किया। इस अवसर डा. जय श्री पारीख डॉ.स्वाति देसाई डॉ. अंजु सिंह, रजिस्ट्रार डॉ.अजीत कस्वा डॉ अमन गुप्ता पी आर ओ रामनिवास सोनी भानु पांडे डा इकराम कुरैशी डॉक्टर नीतू सिंह डॉ राहुल चौधरी डॉ तनुश्री डॉ प्रगति डॉ रोहिताश तथा काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।