आंखों देखी कानों सुनी
सरदारशहर, [ जगदीश लाटा ] जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सरदारशहर में भी राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो रहा है। शहर का पाटा हो या चौकी या फिर पान की दुकान हो या चाय की थड़ी , हर जगह राजनैतिक चर्चाएं ही चल रही है। शहर की राजनीतिक चर्चाओं का मुख्य विषय फिलहाल प्रत्याशियों की काम करने की शैली को लेकर चल रहा है।
अबकी बार किरो पलडो भारी है…शहर में इन दिनों हर व्यक्ति की बात की शुरुआत चुनाव से ही होती है। चर्चा की शुरुआतअबकी केरो पलडो भारी है… से शुरू होती है और फिर सामने वाला ज्योतिषी है तो ज्योतिष की गणना से और अगर पत्रकार है तो आमजन की राय और दुकानदार है तो माहौल के हिसाब से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि अबकी किरो पलडो भारी है। हालांकि बीजेपी हो या कांग्रेस या अन्य किसी प्रत्याशी का समर्थक वो जो पूछना चाह रहा है उसे अभी तक सही जवाब की तलाश है। बस इसी सवाल के जवाब में वो ऐसा कोई मौका नही छोड़ता जिसमें उसको सही जवाब वाला आंकलन न मिल जाएं।
दोनु रा के भाव चाले है…
सरदारशहर में इन दोनों सट्टा बाजार की चर्चा भी जोरों पर है। सट्टा बाजार पर नजदीक से नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि इस बार सट्टा बाजार अप्रत्याशित तरीके से रुझान दे रहा है जिसके चलते लोगों में एक ही सवाल कौंध रहा है दोनु रा क्या भाव चाले है!
फेर आ गयो अनिल…शहर में चल रही चर्चाओं में यह चर्चा काफी जोरों पर है कि इस बार शहर में अनिल शर्मा के समर्थक ज्यादा दिखाई दे रहे बताते हैं। चर्चा करने वाले लोगों का मानना है कि यह पहला मौका है जब शहर में शर्मा के समर्थकों का कथित हुजूम दिखाई दे रहा। लोगों का कहना है कि इस बार अनिल को टिकट मिला उस दिन तो नहीं सुना पर अब रोजाना फेर आ गयो अनिल भंवरलाल शर्मा… का नारा कथित तौर पर ज्यादा सुनाई दे रहा है। इसकी वजह कांग्रेस की जल्दी टिकट वितरण भी माना जा रहा है।
जैसा कि जगदीश लाटा को लोगों ने बताया