ब्याज सहित रुपए लौटाने के बाद भी महिला को नहीं दिया था गिरवी रखा खेत
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] एक महिला ने गांव के ही एक व्यक्ति से रुपए उधार लिए थे, जिसके बदले में खेत गिरवी रख दिया। ब्याज सहित रुपए लौटाने के बाद भी महिला का खेत उसे वापिस नहीं किया, तो महिला ने 1987 में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। आखिरकार महिला को 37 साल बाद न्याय मिला और उसकी 20 बीघा जमीन सोमवार को वापिस मिल गई। मामला रतनगढ़ तहसील के गांव नोसरिया का है। मामले के अनुसार नोसरिया निवासी किशनी देवी ने गांव के ही पूर्णाराम मेघवाल से 15 हजार 700 रुपए लिए थे। रुपयों के बदले महिला से पूर्णाराम ने एक इकरारनामा लिखवाया, जिसमें किशनी देवी ने अपनी 20 बीघा जमीन उसके नाम करते हुए 12 माह में ली गई राशि वापिस लौटाने का उल्लेख किया था। महिला ने जब रुपए लौटा दिए, तो पूर्णाराम ने वापिस जमीन का बेचान महिला के नाम नहीं किया और उसके बाद महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 1987 में मुकदमा दायर किया गया तथा विभिन्न न्यायालयों ने अपना फैसला किशनी देवी के पक्ष में दिया। आखिरकार मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां पर निचली अदालतों के फैसले को सुरक्षित रखते हुए जमीन किशनी देवी को जमीन देने के निर्देश दिए। न्यायालय के आदेश के बाद आज नजीर नियुक्त किया गया तथा पुलिस की मौजूदगी में उक्त भूमि पर किए गए कब्जे को खाली करवाया गया। इस दौरान तहसीलदार गिरधारीसिंह, डीवाईएसपी सतपालसिंह, सीआई सुभाष बिजारणिया सहित पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा। किशनी देवी की मौत के बाद उसकी पुत्री नानू देवी को उक्त खेत का मालिकाना हक सौंपा गया है। परिवादिया की ओर से पैरवी एडवोकेट घनश्यामचंद्र व मुरलीधर सोनी ने की। उल्लेखनीय रहे कि उक्त भूमि पर पूर्णाराम के साथ-साथ उसके दो पुत्र जैसाराम व शंकरलाल, भाई धन्नाराम व सांवरराम के भी पक्के मकान है, जिनमें करीब पांच दर्जन लोग निवास करते हैं। शेखावाटी लाइव के लिए रतनगढ़ से सुभाष प्रजापत की रिपोर्ट