सीकर, शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर एवं भारतीय इतिहास संकलन समिति, जयपुर प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में “भारत के इतिहास और संस्कृति पर श्री राम का प्रभाव” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता डॉ बालमुकुंद पाण्डेय संगठन सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली, विशिष्ट अतिथि महन्त श्री महावीर जती पीठाधीश्वर, शिवमठ धाम, गाड़ोदा, विषय प्रवर्त्तन डॉ. धर्मचन्द चौबे आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, बृहत्तर भारत एवं क्षेत्र अध्ययन,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली रहे एवं अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ अनिल कुमार राय ने की।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ बालमुकुंद पाण्डेय ने श्री राम के जीवन के अनेकों महत्वपूर्ण वृतांत पर प्रकाश डालते हुए सभी देशवासियो को श्रीराम के चरित्र का अपने आचरण में अनुसरण करने का आग्रह किया। उन्होंने श्रीराम को ऐतिहासिक पुरुष बताते हुए कहा कि अपने इतिहास से विहीनता ही हमारे पिछड़ेपन का मूल कारण है तथा वर्तमान में हो रहे परिवर्तनों को सराहा। विशिष्ट अतिथि महन्त श्री महावीर जती ने स्वयं के जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए प्राण जाय पर वचन ना जाय, युक्ति पर जोर डालते हुए श्रीराम के आदर्शो को व्यक्तिगत जीवन में उतारने की सलाह दी। उन्होंने महाभारत एवं रामायण तथा हिन्दू धर्म की समग्रता पर प्रकाश डालते हुए कहा की श्री राम ने हमें मर्यादा में रहना सिखाया और श्री कृष्ण ने हमें मर्यादा में रखना सिखाया है।
विषय प्रवर्त्तन डॉ. धर्मचंद चौबे ने विषय की महता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ अनिल कुमार राय ने रामचरितमानस और रामायण का जिक्र करते हुए कहा की श्री राम का प्रभाव न सिर्फ भारत और भारतीय संस्कृति पर है, बल्कि दुनियाभर में श्री राम का प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने रामराज्य की परिकल्पना पर जोर देते हुए एक ऐसे समाज की बात की जहां अपराध और दुष्चरित्र कम तथा मन की शांति ज्यादा हो।
पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रहीम खान ने बताया कि कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत और मंच संचालन डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार कटेवा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापित वित्त नियंत्रक महेश कुमार शर्मा ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ अरिंदम वासु, उपनिदेशक पंकज सिंह मील, सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार, प्रो एसडी सोनी चुरू, प्रो राजेंद्र सिंह, प्रो डीडी गुडेसरिया, डॉ चेतन जोशी, डॉ रोहित बैरवाल, प्रो जुबेदा मिर्जा, विश्वविद्यालय में संचालित सभी पाठ्यक्रमों के शिक्षकगण, सभी कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।