दुल्हन बोली सात जन्मों तक मिले मुझे ऐसा ससुराल
दांतारामगढ़ (लिखा सिंह सैनी ) दांतारामगढ़ उपखण्ड की नगरपालिका दांता के राजस्थानी फिल्मों व एलबम के एक्टर लोकेश सैनी के साथ 24 दिसम्बर को परिणय सूत्र में बंधी रामराय की ढ़ाणी बलवन्तपुरा नवलगढ़ निवासी गोकुलचन्द सैनी की बेटी आशा सैनी अपने ससुराल वालों की अनोखी पहल से गदगद हैं। वह कहती है कि मैं नए परिवार का हिस्सा बनने जा रही हूं। भाग्यशाली बेटियों को ही ऐसा ससुराल मिलता है जैसा मुझे मिल रहा हैं। उम्मीद है कि मेरी शादी दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों के खात्मे की नजीर बनेगी और नई परंपराओं के आगाज का बीज बोएगी। ऐसे लोगों को सबक मिलेगा जो बेटियों की शिक्षा के बजाय दहेज को ही विवाह का आधार मानते हैं। ईश्वर से यही कामना है कि सात जन्म तक मुझे ऐसा ससुराल मिले। रामराय की ढ़ाणी, बलवन्तपुरा नवलगढ़ जिला झुंझुनूं निवासी नईनवेली दुल्हन आशा की खुशियों के पीछे खड़े उनके ससुर कन्हैयालाल सैनी, जेठ जितेश सैनी, जेठानी पूजा, ननद ननदोई आशा-नरेश सैनी व वन्दना-सुरेश सैनी ने लोकेश की शादी में दहेज न लेने का फैसला किया। लोकेश सैनी ने समाज में अच्छी पहल करते हुए शगुन में केवल एक रूपया व नारियल लेकर परिणय सूत्र में बंधे। इसके प्रेरणा स्रोत मनोहर लाल सैनी रामराय की ढ़ाणी निवासी रहे। एक्टर लोकेश कई राजस्थानी फिल्मों व एलबमों में अभिनय कर चुके हैं। एक्टर लोकेश के दादाजी स्वर्गीय भागीरथ मल सैनी सेवानिवृत्त शिक्षक, ताऊजी स्वर्गीय ओमप्रकाश सैनी ग्राम सेवक पदेन सचिव, बड़े भाई पत्रकार समिति दांतारामगढ़ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सैनी शिक्षक, भाभी मीरा सैनी शिक्षिका, भाई मयूर कुमार बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) वाराणसी में नर्सिंग अधिकारी, भाभी सुष्मिता सैनी गृहिणी, भाई अंकित सैनी ग्राम विकास अधिकारी करड़, सोनल सैनी गृहिणी, ननद ननदोई हेमेन्द्र सैनी साधना सैनी हैं। मौसा जगदीश प्रसाद व्यवसायी, मौसी मंगली देवी, चाचा हेमचन्द नगरपालिका दांता, राजेश सैनी हलवाई व चाची सन्तोष, संगीता गृहिणी हैं। वहीं भाई व्यवसायी जितेश सैनी, भाभी पूजा सैनी गृहिणी, व्यवसायी अशोक सैनी, भाभी कविता सैनी गृहिणी, भाई गणेश, सुनील, राहुल कंप्यूटर ऑपरेटर नगरपालिका दांता, योगेश सैनी, राजशेखर, मोहित हैं। एक्टर लोकेश ने कहा कि समाज प्रभावित होगा तो विवाह सफल हैं। शिक्षा ही जीवन की कुंजी हैं। गृहस्थी के रूप में जीवनसंगिनी आशा के साथ जीवन पथ पर चलने को तैयार हूं। परिवार वालों का छोटा सा प्रयास समाज को प्रभावित कर सके तो विवाह को सफल मानूंगा।