राजनीतिक दलों को मिले इलेक्ट्रॉनिक बॉण्ड की सूची जारी नहीं करने के विरोध में
झुंझुनूं, सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में भाजपा की चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक मानकर उसे पर रोक लगा दी है एवं राजनीतिक दलों को इस योजना में प्राप्त चंदे का खुलासा करने का निर्देश दिया है। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी चंदे की पूरी जानकारी 6 मार्च 2024 से पहले सार्वजनिक करने और चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया है । राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से प्राप्त हुए 12000 करोड रुपए में से लगभग 55% ( 6566 करोड़ )चुनावी बांड के रूप में चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है । कांग्रेस ने प्रेस नोट में यह जानकारी देते हुए बताया कि स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से बेहद चिंतित है क्योंकि भाजपा दानदाताओं की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद चुनिंदा कॉरपोरेट्स के साथ भाजपा के संबंध उजागर हो जाएंगे ।अब भारतीय स्टेट बैंक ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन कर इस विवरण को साझा करने के लिए 30 जून 2024 तक की अवधि विस्तार करने की मांग की है । यह देरी संदिग्ध है क्योंकि देश के सबसे बड़े और पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत बैंक को चुनावी बॉण्ड के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए 5 महीने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए । इससे पता लगता है कि भारतीय स्टेट बैंक का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी की वित्तीय अनियमिताओं और काले धन के स्रोत को छिपाने के लिए किया जा रहा है । देश की जनता इस बात को लेकर जागरूक हो रही है कि किस तरह सरकारी एजेंसियों और संस्थानों पर दबाव डालकर भाजपा सच्चाई को छुपा रही है ।इस कृत्य के विरुद्ध प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार झुंझुनू जिला कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष दिनेश सुण्डा के नेतृत्व में 7 मार्च को प्रातः 11 बजे जिला मुख्यालय पर सावा वाले कुए के पास स्थित भारतीय स्टेट बैंक कार्यालय के समक्ष विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा । जिला प्रवक्ता संतोष सैनी ने बताया कि इसमें जिले के समस्त कांग्रेस विधायक /विधायक प्रत्याशी,सांसद / सांसद प्रत्याशी, एआईसीसी व पीसीसी पदाधिकारी , ब्लाॅक कार्यकारिणी, समस्त मंडल अध्यक्ष ,नगर निकाय व पंचायती राज संस्थान के जनप्रतिनिधि , समस्त अग्रिम संगठनों सेवादल , महिला कांग्रेस ,यूथ कांग्रेस , एन एस यू आई एवं सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों सहित समस्त कांग्रेस जन उपस्थिति रहेंगे।