जैन समाज ने
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] झारखंड सरकार की ओर से जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल बनाए जाने का विरोध जैन समाज ने किया हैं। बुधवार को जैन समाज के लोगों ने मौन जुलूस निकालकर राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम दांतारामगढ़ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि जैन समाज के तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार पर्यटक स्थल घोषित कर रही है जिसके कारण सम्मेद शिखर पर असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। ज्ञापन में बताया गया कि गत 15 जनवरी 2022 को पारसनाथ पर्वतराज पर हजारों लोगों की भीड़ चढ़ी लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा और पवित्रता हेतु स्थानीय पुलिस व प्रशासन की कोई व्यवस्था नही थी, जिसके कारण उन लोगों ने पवित्र जैन तीर्थंकर मोक्ष स्थलों पर जूते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया। जिसकी वीडियो वायरल होने पर सकल जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ और 27 जनवरी 2022 को विश्व जैन संगठन के साथ अनेकों जैन संस्थाओं ने मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किये जाने, पर्वत पर जाने वाले यात्रियों के पंजीकरण, सीसीटीवी कैमरे, यात्रियों के सामान की जांच हेतु स्कैनर व सीआरपीएफ के साथ दो चेक पोस्ट स्थापित किये जाने, पर्वत की वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने और शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु याचिका भेजी गयी। लेकिन जैन समाज की मांगों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी और यह अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय हैं। ज्ञापन में यह भी बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी समस्त जैन समाज के उपरोक्त विषयों पर झारखंड सरकार और केंद्रीय वन मंत्रालय को कार्यवाही करने हेतु लिखने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। शास्वत जैन तीर्थराज सम्मेद शिखर के संरक्षण, पवित्रता और स्वतंत्र पहचान की मांग हेतु विश्व जैन संगठन द्वारा पूरे देश में बुधवार को जैन समाज की ओर से ज्ञापन दिए गए। ज्ञापन देने वालों में दांता, रामगढ़ मंडा, सुरेरा, बाय, किया कुली खाचरियावास आदि गांवों में जैन समाज के महिला, पुरुष बड़ी संख्या में शामिल हुए।