कायचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया
सरदारशहर,[दीनदयाल लाटा] श्री भंवर लाल दुग्गड़ आयुर्वेद विश्व भारती गांधी विद्या मंदिर क्वॉरेंटाइन सेंटर में विगत दो माह से स्वामी रामशरण के आशीर्वचन कुछ ना चाहो काम आ जाओ के सिद्धांतों पर अमल करते हुए कोरोना संदिग्धों की स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग का कार्य कर रहे कायचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया की कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को जीतने के लिए आयुर्वेद चिकित्सा और आचार्यों द्वारा बताई गई जीवन शैली को अपनाना होगा। स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना तभी संभव है, जब प्रत्येक जनमानस अपनी संस्कृति और आयुर्वेद को आत्मसात् करे। हजारों साल पहले आचार्य चरक ने रोगों की चिकित्सा से पहले रसायन के बारे में बताया। रसायन सेवन के द्वारा शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होगी तो प्रथम शरीर में रोग नहीं हो पायेंगे, यदि हो भी गये तो लक्षण कम होंगे या नहीं होंगे इसलिए केन्द्र और राज्य सरकार के द्वारा शरीर में खान-पान, रहन-सहन से और औषध प्रयोग से इम्यूनिटी पावर बढ़ाने की बात कही जा रही है।
कोरो नावायरस से बचाव के उपाय – सुश्रुत ने एक-दूसरे को छूने, साथ में रहने, सोने, एक दूसरे के वस्त्र पहनने या अन्य सामान को काम में लेने से संक्रामक रोग एक से दूसरे में फैलते हैं। इसी सिद्धांत के आधार पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए आपको सावचेत किया जा रहा है। शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से स्वच्छ और पवित्र रहें, कोरोना वायरस आंख नाक और मुंह के द्वारा शरीर में प्रविष्ट होता है इसलिए गॉगल्स का प्रयोग करें नेत्रों में अंजन, नाक में अणु तेल सरसों तेल या घी की दो-दो बूंद सुबह शाम डालें, मुख शोधन द्रव्य इलायची लौंग दालचीनी मुलहठी आदि का प्रयोग करें। मास्क अवश्य लगाएं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु सर्वप्रथम यम नियम ( यम- सत्य अहिंसा ब्रह्मचर्य अस्तेय अपरिग्रह) ( नियम- सोच संतोष तप स्वाध्याय ईश्वर प्रणिधान) का पालन करते हुए योग और प्राणायाम करें।
आचार रसायन का पालन करें – सत्यवादी, अहिंसा प्रेमी, दयालु, अक्रूर, अक्रोधी, अहंकार रहित रहें। नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूर रहें, ईर्ष्या और आलोचना से बचें, प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें।
रहन सहन में बदलाव करें – सूर्योदय से पूर्व उठ जाएं, सरसों तेल या तिल तेल से शरीर की मालिश अवश्य करें, व्यायाम अवश्य करें, नित्य स्नान करें, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन लें, खाने में सौंठ। काली मिर्च, जीरा, तेजपत्र, हींग, जायफल, जावित्री, लहसुन, पिप्पली, सौंफ, अजवाइन आदि की मात्रा बढ़ाएं, गरम पानी पिएं, दूध में हल्दी डालकर पीएं। अश्वगंधा, मुलेठी, गिलोय, हल्दी, तुलसी, आंवला, च्यवनप्राश और सर्वज्वरहर चूर्णका सेवन करें। कोरोना वायरस से ना डरें ना डरायें। स्वस्थ रहें मस्त रहें।