अब वर्दी का इकबाल बुलन्द करेगी राजस्थान पुलिस
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बदलती चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करे पुलिस :- मुख्यमंत्री
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जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान पुलिस अपनी छवि बदले और इस मिशन के साथ काम करे कि पूरे देश में हमारी पुलिस नम्बर वन हो। उन्होंने कहा कि जिलों में पुलिस अधीक्षक को पूरे अधिकार देने के साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी तय करें। गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कानून-व्यवस्था तथा अपराध नियन्त्रण को लेकर बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बदलते सामाजिक परिवेश में अपराधों की प्रकृति भी बदल रही है, ऐसे में इन अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाना बड़ी चुनौती है। तकनीक और नए तौर-तरीकों को अपनाकर पुलिस अधिकारी अपनी कार्य कुशलता बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के संबंध में सुझाव भी मांगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी इस तरह से काम करें कि जब वे रिटायर हों तो उन्हें यह एहसास हो कि जिस जज्बे से उन्होंने वर्दी पहनी थी उसका इकबाल उन्होंने बुलन्द रखा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार तथा अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति जैसे कठोर कदम उठाये जाएं।गहलोत ने कहा कि बजरी का अवैध खनन राज्य सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। उन्होंने अवैध खनन में लगी मशीनों को जब्त करने तथा अवैध बजरी परिवहन को रोकने के निर्देश दिए।
शराब की दुकान रात 8 बजे बाद खुली मिली तो होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रि 8 बजे के बाद शराब की दुकानों को बंद करने के निर्देशों की कड़ाई से पालना हो। उन्होंने कहा कि यदि रात्रि 8 बजे बाद शराब की दुकान खुली मिलती है तो दुकान संचालक के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि हुक्का बार प्रतिबंध का कानून बन गया है। अब कहीं भी हुक्का बार चलता पायें तो संबंधित रेस्टोरेंट मालिक पर कड़ी कार्यवाही की जाये।
गहलोत ने कहा कि क्राइम ब्रांच, साइबर सेल और एसओजी पुलिस की महत्वपूर्ण विंग हैं। अपराध नियंत्रण और अपराधियों पर कार्रवाई करने में इनकी अहम भूमिका है।ऐसे में इनमें काबिल अफसर लगाए जाएं। साथ ही इन्हें आवश्यक संसाधन सुलभ करवाकर मजबूत बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में अनुसंधान अधिकारियों की कमी को दूर करने, रिक्त पदों को भरने सहित आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में पुलिस अधिकारी बेहतर पुलिसिंग के लिए सोशल मीडिया टूल्स का भी उपयोग करें। अफवाहों को रोकने की दिशा में प्रो-एक्टिव रहकर काम करें। उन्होंने शांति समितियों और सीएलजी का पुनर्गठन करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों पर अंकुश रखने के साथ-साथ बदलती सामाजिक व्यवस्था में पुलिस की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। खाप पंचायत, ऑनर किलिंग, अंतरजातीय विवाह तथा सामाजिक कुप्रथाओं से संबंधित कई ऐसे संवेदनशील मामले हैं, जिनमें पुलिस सोसायटी को जागरूक कर बड़ी संख्या में अपराधों पर नियंत्रण कर सकती है। समाज को ऐसे अपराधों के प्रति शिक्षित और जागरूक करने में पुलिस अपनी प्रभावी भूमिका अदा करे एव साथ ही गौ-तस्करी को रोकने की आड़ में कई स्थानों पर असामाजिक तत्व मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे लोगों की सूची बनाएं और उन पर सख्ती से कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि महिला थानों में जहां भी काउंसलर नहीं हैं, वहां काउंसलर लगाएं ताकि सामान्य पारिवारिक मामलों को समझाइश के जरिए ही सुलझाया जा सके और महिला उत्पीड़न के मामलों में उनकी सहायता ली जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग तथा ऑनर किलिंग को रोकने के लिए हमारी सरकार सख्त कानून ला रही है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, महानिदेशक कानून-व्यवस्था एमएल लाठर, एडीजी क्राइम बीएल सोनी, एडीजी इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, एडीजी कार्मिक राजीव शर्मा, एडीजी सिविल राइट्स जंगा श्रीनिवास राव, एडीजी एसओजी अनिल पालीवाल, पुलिस आयुक्त जयपुर आनंद श्रीवास्तव, डीआईजी सीआईडी सीबी गौरव श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।