मांग नहीं मानने पर कोरोना संकट के खत्म होने के बाद दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी
झुंझुनू, आज गुरुवार को राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के तत्वावधान में जिला कलेक्टर को अध्यापकों को बीएलओ व अन्य गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 27 के तहत अध्यापकों को गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगाने का प्रावधान है एवं माननीय न्यायालय का भी स्पष्ट निर्देश है कि राष्ट्रीय जनगणना कार्यक्रम, राष्ट्रीय आपदा व चुनाव आदि कार्यों के अलावा शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगाने के निर्देश हैं । इसके साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता के आदेश का भी हवाला दिया गया है जिसमें धारा 27 को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगाने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी किए हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि शिक्षकों को जानबूझकर गैर शैक्षिक कार्यों में ड्यूटी पर लगाया जा रहा है । चिड़ावा व झुंझुनू उपखंड में गैर शैक्षिक कर्मचारी तथा पटवारी ग्रामसेवक लिपिक आदि कई जगह बिना बीएलओ ड्यूटी के बैठे हैं और वहां पर अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटी में जानबूझकर लगाया जा रहा है । इन दोनों क्षेत्रों में लगी ड्यूटीओं की जांच करने की मांग भी की गई है । साथ ही मांग नहीं मानने पर ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि धारा 144 हटने व कोरोनावायरस के खत्म होने के बाद जिला कलेक्टर के सामने धरना प्रदर्शन देने की बात भी कही गई है । ज्ञापन में बताया गया कि गैर शैक्षिक ड्यूटी के दबाव के कारण किसी अध्यापक के साथ रायपुर सिरोही जैसी कोई अनहोनी घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी । ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश, राजकुमार मुंड, उमेद सिंह डूडी, रामफल गुरिक इत्यादि उपस्थित थे।