मंडावा विधानसभा उपचुनाव
फतेहपुर,पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में भाग लेंने आयें सासंद नरेन्द्र कुमार ने मंडावा उपचुनाव में पार्टी की हार पर पत्रकारों से खुलकर बातचीत की ।उन्होंने उपचुनाव में पार्टी की हार का प्रमुख कारण अल्पसंख्यों की बेरूखी तथा भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का दिल से जुडाव नहीं होंना बताया ।उन्होंने कहा कि कुछ समय पहलें ही दलबदल कर पार्टी में आई उम्मीदवार के कारण पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता नाराज हो गयें तथा खुद की उपेक्षा महसूस करनें के कारण वे दिल से पार्टी के साथ नहीं जुडें । सासंद नरेन्द्र ने कहा कि पहलें उनके बेटे के नाम की घोषणा कर दी गई परन्तु पार्टी के नेता प्रमंत्री मोदी द्वारा वंशवाद को बढावा नहीं देंने की नीति के कारण उनका टिकट काट दिया गया, जिसें भी उन्होंने सम्मान के साथ मान लिया परन्तु एक दिन पहलें ही उम्मीदवार को पार्टी जोइन करवाई और चुनाव का फार्म भरवा दियाए, जिससें कार्यकर्ता नाराज हो गया । जब सासंद से यह पूछा गया कि आपने तो संसदीय चुनाव में मंडावा से 25हजार से अधिक लीड ली और उपचुनाव में पार्टी 33हजार से हारी । मात्र छ महीनें में ही 60हजार मतदाताओं का पार्टी से मोहभंग का क्या कारण है तो उन्होंने कहा कि मंडावा में मेरी लोकप्रियता है और गत 15वर्षो से मै जनता की सेवा कर रहा हूं और मुझे अल्पसंख्यकों के वोट भी मिले। सासंद नरेन्द्र कुमार ने सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग का आरोप लगाया और कहा कि मंडावा विधानसभा के सरकारी कर्मचारी चाहें झालावाड हो या बाडमेर सबकों अवकाश लेकर मंडावा भेज दिया गया और कहा कि कांग्रेस का खुद वोट दें और दूसरों से दिलवायें एऐसा आजतक नहीं हुआ।