अपनी बेचीं हुई फसल के पैसे के लिए दर दर भटक रहा है हेतराम
वर्तमान समय में सबसे ज्यादा राजनीति यदि किसी पर हो रही है तो वह है किसान। सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं हर तरफ से किसान हितैषी दिखाने और राजनीति चमकाने की कवायद जोरो पर है वही धरातल पर एक किसान अपनी बेचीं हुई उपज के पैसे लेने के लिए भिखारियों की तरह दर दर भटक रहा है। हम बात कर रहे है सोनासर अशोकनगर के हेतराम की। जिसने क्रय विक्रय सहकारी समिति पर अपनी सरसों की फसल बेच दी थी लेकिन उसके पैसे के लिए वह जिला कलेक्टर से भी गुहार लगा कर हार चूका है और अब वह आत्महत्या करने की बात कर रहा है। किसान हेतराम ने जानकारी देते हुए बताया कि मैंने 17 मई को क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड झुंझुनू में समर्थन मूल्य पर 36 क्विंटल सरसों बेचीं थी मुझे तब कहा गया था कि आपका जब नंबर आएगा तब सुचना दे दी जाएगी लेकिन जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। बकौल हेतराम क्रय विक्रय सहकारी संस्था का कहना है कि आप का भुगतान नहीं होगा आप अपनी सरसों वापस ले जाओ। हेतराम ने बतया कि आज वह लोगो से व्यवहार में चोर हो चूका है। क्योकि उसने बच्चे की शादी कर दी उसका कर्जा, खेती बाड़ी का खर्चा जिन लोगो से उधार लिया था वह नहीं चूका पा रहा है। जिसके चलते वह आर्थिक तंगी का शिकार है। एक किसान के लिए अपनी फसल की कीमत क्या होती है ये अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चाहे बेटी की शादी पर साहूकार से लिया गया कर्जा हो या खेती बाड़ी से सम्बंधित लिया गया कर्जा हो वह फसल के बेचान पर ही उसे लौटने का वायदा करता है लेकिन फसल के बिक जाने का समय चले जाने पर भी उसे अपनी फसल का पैसा नहीं मिल रहा है जिसके चलते वह आज बाजार में चोर हो चूका है इसी शर्मिंदगी के चलते वह आत्महत्या करने की सोच रहा है।