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बाबा मालकेतु की जय से गूंज उठी पहाड़ियाँ

जयकारों के साथ 24कोसीय परिक्रमा शुरू

ठाकुरजी की पालकी कर रही है बाबा मालकेतु की परिक्रमा का नेतृत्व

पहले पड़ाव पर किरोड़ी पहुंची

चिराना [मुकेश सैनी ] बाबा मालकेतु की जय…, डूंगरराज की जय…, लोहार्गल धाम की जय…, गंगा मैया की जय, शाकम्भरी माता की जय…, इन जयकारों ने रविवार को तीर्थराज लोहार्गल की पहाड़ियों के हर पत्थर को गूंजा दिया। अरावली की हरियाली पहाड़ियों पर चढ़ते बच्चे, बुजुर्ग, जवान, पुरूष एवं महिला श्रद्धालु। थैलों में से पुए-पकौड़ी की खुश्बू, सिर पर झोले। मन में अटूट आस्था का अपार भाव। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर तरफ एक रमणीय नजारा देखने को मिला। ये दृश्य अरावली पर्वतमाला में रविवार से शुरू हो गया। तीर्थराज लोहार्गल के खाकी मंदिर से बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। ठाकुर जी की पालकी के नेतृत्व में परिक्रमा शुरु हुई। अखिल भारतीय चतुर्थ संप्रदाय और खाकी अखाड़े के महंत दिनेश दास महाराज के सान्निध्य में पालकी को सूर्य कुंड लाया गया। कुण्ड पर गौमुख और पालकी की पूजा-अर्चना करने के बाद 24 कोसी परिक्रमा का पहला जत्था रवाना हुआ। गोल्याणा, चिराना होते हुए पालकी का पहला पड़ाव किरोड़ी में हुआ। इसके बाद पालकी सोमवार सुबह दूसरे पड़ाव शाकंभरी के लिए प्रस्थान करेगी। इससे पहले चिराना के चारभुजा मंदिर पर पालकी का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। पालकी के साथ सैकड़ों संत-महात्माओं का हुजूम उमड़ा। गोगानवमी से शुरू हुई 24 कोसीय परिक्रमा 30 अगस्त को अमावस्या के साथ पूरी होगी। मौसम सुहाना होने की वजह से इस बार भीड़ के दोगुना आने की उम्मीद जताई जा रही है। अमावस्या को गोल्याणा से लोहार्गल तक मेला भरेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे। चिराना, लोहार्गल, उदयपुरवाटी सहित आसपास के श्रद्धालु मंगलवार से परिक्रमा शुरु करेंगे।
-त्रयोदशी से लोहार्गल पहुंचने लगेंगे श्रद्धालु
परिक्रमा पूर्ण होने पर अमावस्या को महास्नान होगा। लेकिन त्रयोदशी को ही परिक्रमा पूरी कर श्रद्धालुओं का वापस लोहार्गल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ये श्रद्धालु परिक्रमा के पहले जत्थे के साथ परिक्रमा शुरू करते हैं।
-जगह-जगह लग रहे हैं सेवा-शिविर
श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह निशुल्क चाय-पानी, भंडारे, चिकित्सा व्यवस्था आदि की गई है। शिव गोरा मंदिर गोल्याना और चिराना में पितृ सेवा समिति की ओर से भण्डारा शुरु कर दिया है। इसके अलावा भी पूरे परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह भोजन चाय पानी और चिकित्सा के निशुल्क सेवा शिविर लगे हुए हैं।
-देवनारायण मंदिर में हुआ पालकी का स्वागत
लोहार्गल में स्थित देवनारायण मंदिर में भगत सांवताराम के सानिध्य में ठाकुर जी की पालकी और साधु संतों का स्वागत किया गया। भगत सांवताराम ने 24 कोसीय परिक्रमा का नेतृत्व कर रही ठाकुर जी की पालकी के साथ चल रहे अखिल भारतीय चतुष्संप्रदाय के दिनेश दास महाराज समेत सभी साधु-संतों का सम्मान किया। चिराना कस्बे के चारभुजा मंदिर में ग्रामीणों की ओर से साधु संतों का सम्मान किया गया व प्रसादी वितरित की गई.
-दर्जनों संत-महंत कर रहे हैं परिक्रमा की अगुवाई
चारोड़ा धाम के महंत दिनेशदास जी महाराज के नेतृत्व में शुरू हुई 24 कोसीय परिक्रमा के अगेती दल में काफी संख्या में साधु शामिल हैं. इनमें बलवीरदास, घनश्यामदास पुजारी, कमलनयन, बद्रीदास, दीपकदास अयोध्या, प्रेमप्रकाश वृंदावन, चंद्रदास अयोध्या, बालक दास, सीताराम अयोध्या, मनमोहन दास वृंदावन, ओम प्रकाश, ओमदास खंडेला, कन्हैयादास, संदीपदास खंडेला, अर्जुनदास अयोध्या, रामप्रकाशदास वृंदावन सहित सैकड़ों साधु-संत मौजूद रहे।

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