कोई साइकिल से तो कोई पदयात्रा के जरिए पहुंच रहा बाबा श्याम का दीदार करने
भक्तों के रैले के आगे प्रशासन के इंतजाम भी नाकाफ
खाटूश्यामजी, [प्रदीप सैनी ] बाबा श्याम से भक्तों का अनूठा रिश्ता है। जैसे ही मेले का आगाज तो भक्त सब कुछ छोड़ बाबा श्याम के दीदार के लिए दौड़े चले आते हैं। मेले के समय भक्तों को दर्शनों के लिए पांच से आठ घंटे तक लाइनों में लगकर इंतजार भी करना पड़ता है। लेकिन जैसे ही छह से सात सैकण्ड तक बाबा श्याम के दर्शन होते है तो पलभर में दुख-दर्द भूल जाता है। जैसे-जैसे एकादशी की तिथि नजदीक आएगी तो बाबा से दीदार का समय भी घट जाएगा। मुख्य मेले के दिन तो बाबा श्याम के भक्त दो से तीन सैकण्ड ही दर्शन कर सकेंगे। श्याम मेले में भक्तों का रैला लगातार बढ़ता जा रहा है। खास बात यह कोई बाबा श्याम के दर्शनों के लिए पैदल ही दौड़ा चला आ रहा है तो कोई साइकिल से भी पहुंच रहा है। दो उनका कहना है कि विद्यार्थी जीवन ससाल से कोरोना की वजह से श्याम मेला कई तरह की पाबंदियों के साथ भर रहा था। इस बजह से भक्तों ने घर से बाबा से अरदास लगाई। लेकिन इस बार जैसे ही बाबा श्याम के मेले का बड़े स्तर पर आयोजन तय हुआ तो श्याम नगरी की सात दिन में ही होटल-धर्मशालाओं की बुकिंग पूरी हो गई।
26 साल से आ रहा परिवार, इस बार नौकरी की मन्नत
उत्तराखंड से दर्शनों के लिए सोमवार को खाटू पहुंचा गोयल परिवार पिछले 26 साल से लगातार आ रहा है। परिवार के मुखिया सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि हर बार बाबा के मेले में सारे काम छोडकऱ पहुंचते है। इस बार बेटे की नौकरी की मन्नत मांगने के लिए आए है।
कोरोना में भी आकर गए, भले ही पट बंद थे
दिल्ली निवासी कारोबारी नागर गुर्जर ने बताया कि वह हर महीने बाबा श्याम के दर्शनों के लिए आते है। कोरोना की वजह से कई महीने पट भी बंद रहे। ऐसे में वह हर महीने कै से भी खाटू पहुंचे। उन्होंने बताया कि तीन बार मंदिर के बाहर ही धोक लगाकर चले गए।
इंतजार से ही बढ़ती है खुशियां
दिल्ली निवासी प्रिया कौशिक का कहना है कि भले ही मेले के श्याम चार से पांच घंटे तक बाबा श्याम के दर्शनों के लिए कतार में लगना पड़ता हो। लेकिन इस संघर्ष के बाद होने वाले दर्शनों की अपनी अलग ही खुशियां है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 17 साल से श्याम मेले में आ रही है।
हर कदम श्याम रंग,
20 किलोमीटर में सिर्फ बाबा श्याम के जयकारे
रींगस से खाटू तक हर कदम पर बाबा श्याम के भक्तों का रैला है। रींगस तक खाटू तक भक्तों के रैला की वजह से बाबा श्याम के जयकारे गूंज रहे हैं। रींगस से खाटू मार्ग को नो व्हीकल जोन भी घोषित किया जा चुका है।