कोरोना-कर्फ्यू से पहले ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे उर्दू
चूरू, [पीयूष शर्मा ] ‘बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ए जि़ंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं…’ शायर फिराक गोरखपुरी का ये शेर शहर के उर्दू व्याख्याता डा. शमशाद अली की काबिलियत और दूरदर्शी सोच से इत्तेफाक रखते हुए उन पर चरितार्थ होता नजर आता है। शहर के राजकीय बागला उमावि में उर्दू व्याख्याता के पद पर कार्यरत डा. शमशाद कोरोना वायरस के संक्रमण व देशभर में लॉक डाउन लागू होने से पहले ही अपने 12वीं के विद्यार्थियों को उर्दू विषय वाट्सएप गु्रप ‘बागला स्टडी ग्रुप’ के जरिए ऑनलाइन ही पढ़ा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से इस महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के कारण अब ये वाट्सएप गु्रप अन्य स्कूलों के उर्दू विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी साबित हो रहा है। गौरतलब है कि वक्त की नजाकत और जरूरत के लिहाज से धीरे-धीरे अब चर्चित हो रहे इस ग्रुप का निर्माण डा. शमशाद ने गत 20 मार्च को किया। इसमें अब वे नियमित रूप से विद्यार्थी पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो और वे परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।
-छात्रों ने कुछ यूं बताई वाट्सगु्रप की उपयोगिता
शेखावाटी लाइव संवाददाता ने ग्रुप से जुड़ी बागला उमावि की छात्रा दिव्या कंवल, छात्र महताब हुसैन व आरिफ मलनस सहित अन्य ने बताया कि ग्रुप के माध्यम से उन्हें बोर्ड परीक्षा संबंधी उर्दू विषय की महत्वपूर्ण सामग्री घर बैठे उपलब्ध हो रही है। ग्रुप के जरिए वे अभ्यास कर अपनी कॉपियां भी डा. शमशाद सर को चेक करवा पा रहे हैं। इसके अलावा डा. शमशाद अली फील्ड में भी राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 की वजह से चल रहे लॉकडाउन में ज़रूरत मंद परिवारों को राशन किट पहुंचाने के लिए बतौर सह प्रभारी अपने कर्तव्यों को भी बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
-साप्ताहिक टेस्ट भी गु्रप के जरिए ही
छात्रों ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ सप्ताह में एक बार उर्दू विषय की तैयारी का टेस्ट भी ग्रुप के माध्यम से हो रहा है। इससे हमारा उनका आत्म विश्वास बढ़ रहा है और वे लॉकडाउन के बावजूद घर बैठे अपने विषय की तैयारी अच्छे से कर पा रहे हैं। इसी तरह ग्रुप के जरिए विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को स्वच्छता बनाये रखने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए कोरोना से बचने के बारे में उपयोगी जानकारियां भी दी जा रही है।