चारे पानी की करे व्यवस्था
झुंझुनू, वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के फैलते प्रकोप के चलते लोग लॉक डाउन के अंदर हैं। ऐसी स्थिति के अंदर जो मनुष्य के द्वारा नियमित क्रियाएं हैं उनके द्वारा बेसहारा पशुओं को मिलने वाले खाद्य सामग्री में भी कमी आई है। जिसके चलते सड़कों पर बेसहारा घूम रहे पशुओं के सामने भी भूख से मरने की नौबत आ गई है। ऐसी स्थिति में मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए भामाशाह को बेसहारा पशुओं के लिए भी चारा इत्यादि उपलब्ध करवाने के लिए सामने आना चाहिए। प्रकृति के अंदर छोटे से जंतु से लेकर बड़े जीव तक का अपना महत्व है। इनकी अनुपस्थिति से पृथ्वी पर उपस्थित इको सिस्टम बिगड़ जाएगा जो कि मानव जाति के जीवन के लिए भी संकट पैदा करेगा। इसलिए मनुष्यता को जीवित रखने के लिए हमें बेसहारा पशु पक्षियों के बारे में भी विचार करना चाहिए। इसके अलावा वर्तमान में गर्मी अभी प्रारंभ होने वाली है जिसके कारण अपने घरों की छतों के ऊपर हम छोटे-छोटे पक्षियों के लिए परिंडे भी लगा सकते हैं। आज जो कोरोनावायरस से सारा विश्व झूझ रहा है यह मनुष्य की दवारा अप्राकृतिक भोग की लालसा के चलते ही पैदा हुआ संकट है। इसको हमें मनुष्यता से ही हराना होगा।